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पीएम मोदी के करीबी हैं जफर इस्लाम
राजनीति में आने से पहले जफर इस्लाम एक विदेशी बैंक में काम करते थे, जहां से उन्हें अच्छा खासा वेतन मिलता था। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति आइडियोलॉजी से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली। जफर इस्लाम और प्रधानमंत्री मोदी के काफी अच्छे रिश्ते हैं। वहीं, सिंधिया और जफर भी लंबे समय से एक दूसरे को जानते हैं। इसीलिए सिंधिया को भाजपा में लाने की जिम्मेदारी हाईकमान की ओर से उन्हीं को मिली। जानकारी के मुताबिक, जब भी सिंधिया दिल्ली में होते थे तो दोनों की मुलाकात होती रहती थी। जैसे जैसे ज्योतिरादित्य की कांग्रेस में खटास बढ़ती गई, वैसे वैसे जफर ने उन्हें सही निर्णय लेने की सलाह दी। सूत्र बताते हैं कि, पिछले पांच महीनों के दौरान सिंधिया और जफर की करीब 15 से 20 बार मुलाकात हुई, जिसके बाद कहीं जाकर सिंधिया ने भाजपा में शामिल होने का मन बनाया।
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ऐसे समझें जफर की भूमिका
पिछले कुछ दिनों में ही उनकी पांच मुलाकातें हुई थीं। इन मुलाकातों के बाद जफर भाजपा हाईकमान को उसके निष्कर्षो से अवगत कराते थे। इन मुलाकातों और उनके निष्कर्षो के अध्ययन के बाद ही ज्योतिरादित्य को भाजपा खेमे में लाने की कोशिशें शुरू की गईं। इस पूरे अभियान में भाजपा ने सिर्फ सहायता की, जबकि पूरा अभियान ज्योतिरादित्य के मुताबिक ही चला। जफर की भूमिका कितनी अहम है इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि, जिस 9 मार्च की रात को ज्योतिरादित्य प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पीएम हाउस गए थे, तब गृह मंत्री अमित शाह के साथ जफर भी उनकी कार में मौजूद थे। वहीं, आज जब सिंधिया भोपाल आए हैं, तब भी जफर उनके साथ हैं।