scriptभाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की सियासी छटपटाहट की ये है असल वजह! | This is the real reason for the political turmoil of BJP MLA Narayan T | Patrika News
भोपाल

भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की सियासी छटपटाहट की ये है असल वजह!

नारायण त्रिपाठी का साधना भाजपा की मजबूरी थी। खैर नारायण भी मान गए और उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में वो भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मूर्मू को वोट देंगे। भाजपा के सामने चुनौती ये थी कि अगर नारायण क्रॉस वोटिंग कर देते तो दिल्ली तक एक गलत मैसेज चला जाता।

भोपालJul 15, 2022 / 08:00 pm

Roopesh Kumar Mishra

fxrogfsaaaaurf9.jpg

मुख्यमंत्री निवास में तीनों नेताओँ की हुई मुलाकात।

मैहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी इनदिनों हालही में दिए अपने बयान को लेकर लगातार चर्चाओं में है। दरअसल नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बड़ा बयान दे दिया था। जिसके बाद से राजधानी भोपाल का सियासी पारा तल्ख हो गया। खैर दो दिन बाद ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हस्तक्षेप किया और नारायण को साधकर सीधे मुख्यमंत्री निवास लेकर पहुंचे। जहां तीनों के बीच लंबी वार्ता का दौर चला। बता दें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर इनदिनों सूबे में सियासी तनातनी मची है। लिहाजा नारायण त्रिपाठी का साधना भाजपा की मजबूरी थी। खैर नारायण भी मान गए और उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में वो भाजपा प्रत्याशी द्रौपदी मूर्मू को वोट देंगे। भाजपा के सामने चुनौती ये थी कि अगर नारायण क्रॉस वोटिंग कर देते तो दिल्ली तक एक गलत मैसेज चला जाता। इसलिए भी साधना जरूरी था। खैर सियासी पंडितों का कहना है कि ये अंतिम बारी है जब भाजपा को नारायण की जरूरत पड़ी है।

 


नारायण की सियासी छटपटाहट की ये है वजह

सियासी पंडितों का कहना है कि नारायण की सियासी छटपटाहट की मूल जड़ उनके सियासी विरोधी श्रीकांत चुतर्वेदी हैं। दरअसल श्रीकांत सिंधिया कैंप के निष्ठावान सिपाही माने जाते हैं। जानकार बता रहे हैं कि श्रीकांत ने अभी से ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कुलमिलाकर भाजपा से सियासी जमीन गोल होते देख नारायण के भीतर सियासी छटपटाहट का होना स्वाभाविक है। खैर नारायण त्रिपाठी कमलनाथ के भरोसे कांग्रेस में भी एंट्री की भूमिका बना चुके हैं। लेकिन यहां भी एंट्री इतनी आसान नहीं होगी। क्योंकि अजय सिंह राहुल नारायण की राह का बड़ा रोड़ा बन सकते हैं।

 


अलग विध्य प्रदेश का राग कितना होगा कारगर

अलग विध्य प्रदेश बनाने की मांग को लेकर नारायण त्रिपाठी हमेशा से मुखर रहे हैं। लिहाजा कयास ये भी हैं की अगर नारायण की कांग्रेस में भी दाल नहीं गली तो वो अलग दल बनाकर अपनी आगे का सियासी सफर तय कर सकते हैं। और उस दल का निर्माण भी अलग विध्य प्रदेश के मुद्दे पर ही होगा। विध्य की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार नारायण भाजपा को टक्कर देने की तैयारी करेंगे। लेकिन नारायण का ये सफर इतना आसान नहीं नजर आता। क्योंकि सूबे का सियासी मिजाज हमेशा से ही भाजपा बनाम कांग्रेस का ही रहा है। तीसरे दल का कोई खास वर्चस्व प्रदेश में कभी नहीं रहा है। ऐसे में अन्य दल की संकल्पना और सफलता नारायण के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

Hindi News/ Bhopal / भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की सियासी छटपटाहट की ये है असल वजह!

ट्रेंडिंग वीडियो