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भोपाल

SMART CITY: अब स्मार्ट होने की जिम्मेदारी हमारी

सदी का सोलहवां साल… तरुणाई और तरक्की का बरस। अपनी पोटली में बेशुमार स्मार्ट सपने संजोए। नई ऊर्जा और यौवन से भरपूर 2016 हमारे लिए अब तक का सबसे स्मार्ट साल होने वाला है।

भोपालJan 28, 2016 / 06:54 pm

Manish Gite

भोपाल। नई ऊर्जा और यौवन से भरपूर 2016 हमारे लिए अब तक का सबसे स्मार्ट साल होने वाला है। स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश के 3 शहर भोपाल, इंदौर और जबलपुर का चयन हो गया है। अब MP के लोगों की जिम्मेदारी है कि वे खुद को स्मार्ट बनाएं, पर कैसे? हम बताते हैं कि आप अब खुद को कैसे स्मार्ट बना सकते हैं…

यह पांच संकल्प आपको बना देंगे स्मार्ट

खुद को जानिए:
अपनी कमियां और उन बाधाओं को ढूंढें जो आपके विकास में बाधक हैं। शब्दों से सीखें बातों से ही बातें बनती हैं। शब्द ही समाज का सृजन करते हैं। स्मार्ट समाज के लिए शब्दों का शालीन होना जरूरी है।

जीवन स्तर बेहतर हो आप:
कम आय में भी साफ-स्वच्छ और शांत जीवन जीते हैं तो ये समाज के लिए स्मार्ट होने का प्रमाण है। अवसर और कोशिश अवसर की खोज में रहें। मौका मिले तो उसे अपने सपने में बदलने की कोशिश जरूर करें। ये कोशिश ही आपको पॉजिटिव एनर्जी देगी।

जो करें, पूरे भरोसे से :
जो भी करें, कर्तव्य मानकर करें। निष्ठा, ईमानदारी से सोच को सच बनाएं। समर्पण ही आपकी कमियों को दूर करेगा।

तकनीक से दोस्ती:
1994 में जब पहला कमर्शिलय इंटरनेट ब्राउजर नेटस्केप नेवीगेटर आया था, जब दुनिया इनकी इंटरनेट फ्रेंडली नहीं थी, पर ये कदम नहीं उठता तो गूगल, फेसबुक, यू-ट्यूब, ट्विटर, आज नहीं होते।


The smart years of the century

यूं बनें आप स्मार्ट
खुद को बदलें :
नया करने के लिए यही पहली सीढ़ी है। कुछ अच्छा करने के लिए सोच को बदलें। तय करें कि आप बदलेंगे, तभी रास्ते बनेंगे।

करने से पहले सोचें :
कुछ करने से पहले ये जरूर सोचें कि आपके कदम का समाज पर क्या असर होगा? ऐसा सोचें जो देश निर्माण में मदद करे।

तकनीक से जुडऩा जरूरी:
तकनीक जिंदगी आसान बनाती है। ऑनलाइन शॉपिंग, मेल, ई-वॉलेट, मोबाइल बैंकिंग इसके सबसे सटीक उदाहरण हैं।

दूसरों का भी रहे ख्याल:
प्रेम की उत्पत्ति यहीं से है। जब आप दूसरों को ख्याल रखते हैं तब आपने खुद को जीवित रखने की भावना जागृत होती है।

नया सोचें, जुट जाएं:
स्टार्टअप्स के दौर ने यह बताया है कि अभी दुनिया में कुछ कर गुजरने के लिए बहुत बाकी है। तो सोचें और जुट जाएं।

The smart years of the century

इन्होंने दिया स्मार्ट शब्द
स्मार्टं शब्द का सबसे पहले विचार 1981 में अमेरिकन लेखक जॉर्ज टी. डॉरेन के दिमाग में आया था। उन्होंने ही इस शब्द को सबसे पहले दस्तावेजों में प्रस्तुत किया था। इस शब्द के हरेक अक्षर को परिभाषित किया था। आज इन्हीं के अर्थों में स्मार्ट को परिभाषित किया जा रहा है।


इसलिए सबसे स्मार्ट साल…
स्मार्ट सिटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 100 स्मार्टसिटी नए साल में ही धरातल पर आएंगी। इन शहरों को स्मार्ट बनाने के काम की शुरुआत होगी।

4जी स्पीड
देशभर में 4जी इंटरनेट सेवा की होड़ शुरू हो चुकी है। नए साल में देशभर में 4जी स्पीड से इंटरनेट चलेगा। जो भी चाहिए आपकी स्क्रीन पर फटाफट मिलेगा।

गैजेट क्रांति
वियरेवल गैजेट क्रांति ला देंगे। ई-वॉलेट, मोबाइल बैंकिंग एप्प और एनएफसी यानी नियर फील्ड कम्युनिकेशन डिवाइस स्मार्टफोन में लोड होंगी।

स्मार्ट सिटी के बुनियादी सिद्धांत

1. क्वालिटी ऑफ लाइफ: स्मार्ट सिटी में रहने वाले हर व्यक्ति को क्वालिटी लाइफ मिले। यानी किफायती घर हो, हर तरह का इन्फ्रास्ट्रक्चर हो। पानी और बिजली चौबीसों घंटे मिले। एजुकेशन के ऑप्शंस हों। सुरक्षा हो। एंटरटेनमेंट और स्पोर्ट्स के साधन हों। आसपास के इलाकों से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी हो। अच्छे स्कूल और अस्पताल भी मौजूद हों।

2. इन्वेस्टमेंटः स्मार्ट सिटी में वहां मौजूद ह्यूमन रिसोर्स और नेचुरल रिसोर्स के मुताबिक पूरा इन्वेस्टमेंट भी आए। बड़ी कंपनियों को वहां अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए सुविधाएं और सहूलियत मिले। उन पर टैक्स का ज्यादा बोझ न हो।

3. रोजगार: स्मार्ट सिटी में इन्वेस्टमेंट ऐसा आए जिससे वहां या आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के पूरे मौके मिलें। स्मार्ट सिटी के अंदर रहने वालों को अपनी आमदनी के लिए उस इलाके से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े।


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