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स्कूलों में बदलेगा पढ़ाई का तरीका, शिक्षा विभाग ने लांच किया एप

एप से करेंगे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन

भोपालDec 16, 2021 / 09:05 am

deepak deewan

एप से करेंगे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन

भोपाल. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लाभ छात्रों को मिले इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की कवायद चल रही है। मंत्रालय और संचालनालय में बैठे अफसर-स्टाफ से लेकर प्रदेश के कोने-कोने में पदस्थ प्राचार्यों-प्रधानाध्यापकों को नई शिक्षा नीति का पाठ पढ़ाने कार्यशालाएं हो रही हैं। प्राचार्यों को समझाया जा रहा है कि अब अत्याधुनिक संसाधनों और नए पाठ्यक्रम के हिसाब से छात्रों को कैसे पढ़ाया जाए, उनकी कॅरियर काउंसिलिंग कैसे की जाए, ताकि वे सही दिशा में आगे बढ़ें। इसके अंतर्गत एक एप भी लांच किया गया है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यशाला
उत्कृष्ट एवं मॉडल स्कूलों के छात्रों की कॅरियर काउंसिलिंग एवं गाइडेंस कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला बुधवार से शुरू हुई। लोक शिक्षण संचालनालय और इंस्टीट्यूट ऑफ कॅरियर स्टडीज (आईसीएस) लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यशाला में आइसीएस कॅरियर ऐप लॉन्च किया गया। यह ऐप छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग करेगा, ताकि वे सही दिशा में कॅरियर बनाएं। ऐप विद्यार्थियों को भेड़चाल से बचाने और कॅरियर को लेकर गलत निर्णय से रोकने में भी मदद करेगा। साथ ही प्राचार्यों, विभागीय स्टाफ को अपडेट रहने के लिए कहा गया है।

छात्रों को नहीं पता
आइसीएस की अधिकारी अमृता दास ने कहा कि समय बदल रहा है, इसलिए जरूरत के हिसाब से कैरियर का चयन की जरूरत है। आज शानदार कॅरियर मौजूद हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं को जानकारी नहीं है। अब इसके लिए सेमिनार, वेबिनार आयोजित किए जाएंगे।

आइसीएस ऐप छात्रों के लिए नि:शुल्क कॅरियर काउंसिलिंग करेगा
कार्यशाला में स्कूल शिक्षा की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कॅरियर काउंसिलिंग को शामिल किया गया है। इसे अच्छे से क्रियान्वित करने के लिए मध्यप्रदेश प्रयासरत है। कार्यशाला में सीएम राइज स्कूल परीक्षा परिणाम, बोर्ड की परीक्षा की तैयारी जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी। डीपीआई के आयुक्त अभय वर्मा ने कहा कि आइसीएस ऐप छात्रों के लिए नि:शुल्क कॅरियर काउंसिलिंग करेगा। राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस. ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रदेश में कई काम हुए हैं। 16 और 17 दिसम्बर को संगोष्ठी इसी का हिस्सा है।

प्रमुख सचिव ने दिए पांच मंत्र
1.छात्र-छात्राओं की सोच व्यापक बनाने, सही मार्गदर्शन के लिए काउंसिलिंग जरूरी।
2.अभिभावक भी खुद को अपडेट रखें, ताकि अपने बच्चों की दिशा तय कर सकें।
3.अभिभावक स्कॉलरशिप, उच्च शिक्षा के लिए लोन आदि की जानकारी रखें।
4.कई इंस्टीट्यूट स्कॉलरशिप के माध्यम से अब नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
5.सभी प्राचार्य यहां हुए मंथन के सार को अधीनस्थ स्टाफ और छात्रों तक पहुंचाएं।

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