इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आइसीएमआर का कहना है कि कोरोना से फैफड़े कमजोर हो जाते हैं जिससे इसके मरीजों पर टीबी के संक्रमण की खतरा सबसे ज्यादा होता है. कोरोना संक्रमित मरीजों में टीबी के संक्रमण के केसेस भी बहुत मिल रहे हैं. इस बात की जानकारी मिलने के बाद आ रही आइसीएमआर ने केंद्र सरकार को मरीजों के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइन दे दी है.
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इस संबंध में रीजनल रेस्पेरेटरी इंस्टीट्यूट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पराग शर्मा बताते हैं कि कोरोना के बाद फैफड़े कमजोर होते हैं. ऐसे में तीनों लहर के बाद किसी मरीज को दो से तीन सप्ताह तक खांसी हो तो टीबी का संक्रमण हो सकता है.— बुजुर्ग मरीज
— मधुमेह, दिल की बीमारी, हार्ट में ब्लाकेज के मरीज
— टीबी, एचआइवी, फेफड़े, लिवर, किडनी व मोटापा से पीडि़त मरीज
— हल्के संक्रमण से जूझ रहे ऐसे मरीज, जिन्हें 5 दिन से ज्यादा समय तक सांस लेने में दिक्कत हो।