महाराज के सान्निध्य में 15 दिसंबर को चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि देश में स्वतंत्रता के बाद से हिंदू बिखर गया और भिन्न भिन्न जातियों, वर्गों में बंट गया है, उन्हें एक करना जरूरी है। इसलिए इस हिन्दू एकता महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन में सिर्फ बंटे हुए हिंदुओं को एक करने पर मंथन होगा।
उन्होंने कहा कि ओटीटी और बॉलीवुड की फिल्मों में अकसर हिन्दू धर्म और पात्रों को गलत ढंग से दर्शाया जा रहा है. उन्होंने इस प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए इनको लेकर भी योजना बनाने की बात कही।
मंदिरों-मठों से हटे सरकारी हस्तक्षेप
महाराजश्री ने कहा कि मंदिरों और मठों पर शासन का हस्तक्षेप हटना चाहिए, क्योंकि बाकी धार्मिक स्थलों पर किसी का हस्तक्षेप नही होता है, केवल मंदिरों और मठों में यह दिखता है। इस प्रयासों को हिन्दू एकता कुंभ में बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा है मठ मंदिर सुरक्षित रहे, धर्मांतरण रूके, समान नागरिक संहिता हो, जनसंख्या नियंत्रण हो, पर्यावरण की रक्षा हो और गोवध निषेध हो।
जिस दिन हिन्दू संगठित हो जाएंगे, देश की परेशानियां दूर हो जाएंगी
अगर हिंदुओं के लिए काम किया होता तो आज हिंदुओं की संख्या घटती नहीं। एक समय था जब आजादी के पहले भारत मे 75 फीसदी हिन्दू था, लेकिन अब यह आंकड़ा सिर्फ 60 फीसदी रह गया है। यह संख्या 80 प्रतिशत जिस दिन हो जाएगी और हिंदू संगठित हो जाएंगे, उस दिन भारत की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
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