पढ़ें ये खास खबर- कोरोना काल में मेडिकल वेस्ट डिस्पोज करने में बरती लापरवाही, तो भुगतना पड़ेगा भारी जुर्माना
मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा सिलेक्शन
लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त जयश्री कियावत के मुताबिक, सुपर-100 की 306 सीटों पर इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दसवीं की मेरिट लिस्ट में शामिल होने वाले छात्रों को पहले प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि, विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी होने में देर होने से प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले होनहार विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पढ़ें ये खास खबर- स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना का असर, आजादी के दिन से पहली बार मुख्य समारोह में नहीं होगी मार्च पास्ट
प्रदेश का नाम रोशन करते आ रहे हैं ये विद्यार्थी
बता दें कि, बीते कई सालों से लगातार सुपर-100 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डंका न सिर्फ बारहवीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट में बजता है, बल्कि वो प्रतियोगी परीक्षाओं में भी प्रदेश का नाम रोशन करते आ रहे हैं। प्रदेश में भोपाल के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय और इंदौर के शासकीय मल्हार आश्रम विद्यालय में सुपर-100 की कक्षाएं चलती हैं। हर साल इसमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थी चुने जाते हैं। ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे इलाकों के होते हैं, जिन्हें दसवीं तक स्कूलों में बुनियादी शिक्षा भी ठीक से नहीं मिल पाती।
पढ़ें ये खास खबर- त्योहारों पर पड़ी कोरोना की मार, इस बार सड़कों पर नहीं सजेंगे पूजा पंडाल, जुलूस-जलसों पर भी रहेगी रोक
परेशान हो रहे हैं टॉपर विद्यार्थी
12वीं के मेरिट में सुपर-100 के विद्यार्थी शामिल इस बार उत्कृष्ट विद्यालय के 3 और मल्हार आश्रम स्कूल से सुपर-100 के 8 विद्यार्थी बारहवीं की मेरिट में आए थे। हर साल स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही सुपर-100 की परीक्षा भी होती थी, पर इस बार अब तक सुपर-100 की परीक्षा न होने पर दसवीं टॉप करने वाले छात्र स्कूलों में पहुंचकर इस संबंध में जानकारी लेने में जुटे हैं।
पढ़ें ये खास खबर- Fact Check : क्या पेट के कीड़े मारने वाली ये दवा कोरोना के इलाज में हुई है कारगर, जानिए सच
इस तरह की जाती है व्यवस्था
तीन संकाय में 51-51 सीट राजधानी के सुभाष शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय और इंदौर के मल्हार आश्रम स्कूल में संचालित सुपर-100 में कॉमर्स, मैथ्स और बायोलॉजी तीनों संकाय की जेईई, नीट और सीपीटी परीक्षा के लिए फ्री कोचिंग दी जाती है। हर संकाय में 51-51 सीट हैं। इसमें छात्रों रहने की व्यवस्था भी कराई जाती है।