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22 मार्च से 31 मई के बीच के आंकड़े
लॉकडाउन के दौरान सामने आए आत्महत्या के मामलों में अधिकतर लोगों ने या तो अवसाद का शिकार होकर जान दे दी या पारिवारिक झगड़ों से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। भोपाल पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 22 मार्च से 31 मई के बीच लॉक डाउन में आम दिनों के मुकाबले कई ज्यादा आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं। लॉकडाउन समय अवधि के दौरान, 70 दिनों में 63 लोगों ने आत्महत्या की। सुसाइड करने वालों में जहां 37 पुरुष हैं, तो वहीं 26 महिलाएं भी शामिल हैं।
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ये हैं खुदकुशी के कारण
पुलिस ने आत्महत्या के हर मामले में एफ.आई.आर दर्ज की थी। साथ ही, इन मामलों की तहकीकात में जो मुख्य कारण पुलिस के सामने आए उनमें लंबी बीमारी, पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी और डिप्रेशन आदि खास मौत की मुख्य वजहें थीं।
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कोरोना से मौत, सुसाइड का आंकड़ा
लॉकडाउन के दौरान कोरोना से ग्रस्त होकर मरने वालों और सुसाइड के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं। क्योंकि ये दोनो ही आंकड़े लगभग समान रहे। लॉकडाउन के इन 70 दिनों में जहां कोरोना के कारण शहर में 74 मौतें हुई थीं, तो वहीं इन्हीं 70 दिनों में 63 लोगों ने खुदकुशी भी की, जिसका मुख्य कारण लॉकडाउन के कारण मिला मानसिक तनाव रहा।