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भोपाल

एआई सहित आधा दर्जन प्रोफेशनल कोर्स में विद्यार्थी सीधे कर सकेंगे पीजी

फार्मेसी, इंजीनियङ्क्षरग और मेडिकल के लिए अभी यूजी की बाध्यता

भोपालNov 20, 2023 / 06:56 pm

Bhalendra Malhotra

तकनीकी पाठ्यक्रमों से पीजी में लगातार घट रही छात्रों की संख्या

एआई सहित आधा दर्जन प्रोफेशनल कोर्स में विद्यार्थी सीधे कर सकेंगे पीजी

भोपाल. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक मसौदा पाठ्यक्रम तैयार किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई सिफारिशों के अनुसार शोध के साथ ऑनर्स और इसके साथ चार साल का स्नातक कार्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों के लिए एक साल का मास्टर डिग्री कार्यक्रम होगा। इसी के साथ यूजीसी ने छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) सहित आधा दर्जन प्रोफेशनल कोर्स में भी सीधे पीजी करने की सुविधा दी इसके लिए उन्हें सीयूईटी क्वालीफाई करना होगा। हालांकि स्ट्रीम यानी साइंस, इंजीनियङ्क्षरग, टेक्नोलॉजी, मैथमेटिक्स, फार्मेसी में पांच साल का इंटीग्रेटेड (यूजी-पीजी) कोर्स जरूरी होगा। इन कोर्स में छात्र सीधे पीजी नहीं कर सकेंगे। इसके बाद एमई, एमटेक कोर्सेज में दाखिला ले सकेंगे।
इंजीनियङ्क्षरग में पीजी की स्थिति
आरजीपीवी के नैनो टेक्नोलॉजी में मात्र 10 छात्र हैं, इनको पढ़ाने के लिए करीब 5 टीचर हैं। इसी तरह एनर्जी डिपार्टर्मेंट में मात्र 5 छात्र हैं, 6 फैकल्टी हैं। फार्मेसी की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हैं। वहीं बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी (बीयू) के एमटेक में भी मात्र एक छात्र है। कॉलेजों में भी पीजी छात्रों की संख्या नाम मात्र ही है।
रेगुलर प्रवेश जरूरी
यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार पीजी एआई एंड एमएल कोर्स को उम्मीदवार डिस्टेंस मोड में नहीं कर सकते है, क्योंकि इसमें अधिकतम स्किल्स को सिर्फ प्रैक्टिकल के माध्यम से ही सीखा जा सकता है। इन कोर्स को करने के लिए विद्यार्थियों को नियमित प्रवेश लेना होगा।
एक्सपर्ट व्यू
&राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए करीब तीन साल का समय हो चुका है। यूजी कोर्स में बदलाव का फ्रेमवर्क यूजीसी ने पहले ही जारी कर दिया था अब पीजी का फ्रेमवर्क जारी किया गया है। इसमें छात्र-छात्राओं के लिए स्ट्रीम बदलने की सुविधा दी गई है। इससे छात्रों को फायदा होगा। हालांकि साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियङ्क्षरग, मैथमेटिक्स, फार्मेसी में अब भी यूजी जरूरी है। इससे छात्र पीजी में स्ट्रीम नहीं बदल सकते।
एचएस त्रिपाठी, पूर्व रजिस्ट्रार, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल

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