Education News: स्मार्ट क्लासेस के साथ ‘स्मार्ट’ हो रहे स्टूडेंट्स, टीचर्स की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
Education News: प्राइमरी स्कूल से ही स्मार्ट क्लासेस में गैजेट्स से पढ़ाई करने वाले बच्चे किताबों से हो रहे दूर, छूट रही रीडिंग-राइटिंग हैबिट्स, 9 हजार टीचर्स की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा टीचर्स पर भी दिख रहा डिजिटल एजुकेशन का असर
Education News: प्राइमरी स्कूल में ही मोबाइल, टेबलेट्स, ई-ब्लैकबोर्ड सहित दूसरे गैजेट्स का पढ़ाई में उपयोग बढ़ने की वजह से बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत कम होती जा रही है। साथ में ही वे पेन और पेंसिल से लिखना छोड़ रहे हैं। इसका असर शिक्षकों पर भी दिख रहा है। यह निष्कर्ष करीब नौ हजार शिक्षकों की स्टडी में सामने आया है। अब बच्चों में लर्निंग हैबिट को विकसित करने के लिए प्रदेश स्तर पर काम शुरू किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग हर साल किताबों के प्रकाशन पर करोड़ों रुपए खर्च करता है। लेकिन हाल के वर्षों में बच्चों में किताबें से पढ़ाई की रुचि में कमी आई है। इससे चिंतित होकर शिक्षक संदर्भ समूह ने तीन राज्यों मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में स्टडी की गई।
एडिशन-सबट्रेक्शन भी ऐप से
बच्चे अपने हर प्रश्न का जवाब, हर सवाल का हल, यहां तक कि कॉपी में नोट्स बनाने के लिए भी गैजेट्स का यूज कर रहे हैं। इस डिजिटल तरीके से पढ़ाई को स्कूल भी बढ़ावा दे रहे हैं।
जोड़ने-घटाने यानी एडिशन और सब्ट्रेक्शन तक के लिए बच्चे ऐप की मदद ले रहे हैं। बुक की जगह पैन ड्राइव ने, सबक की जगह पावर पॉइंट ने ले ली है। शिक्षकों ने तो यह तक बताया कि कई स्कूलों में तो नोटबुक का यूज ना के बराबर रह गया है। इसलिए बच्चे पेंसिल और पेन से लिखना भूल रहे हैं।
लाइब्रेरी बनेगी
शिक्षक संदर्भ समूह के प्रमुख और एनसीईआरटी के पूर्व सदस्य दामोदर जैन का कहना है कि तीन साल से किताबों के उपयोग पर काम हो रहा है। बच्चों के साथ ही शिक्षकों पर भी असर देखने को मिला है। सुधार के लिए 8 से 15 अगस्त तक लर्निंग हेबिट बढ़ाने के तरीकों पर काम करेंगे।
क्या है शिक्षक संदर्भ समूह
शिक्षक संदर्भ समूह पिछले एक दशक से काम कर रहा है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी नौ हजार शिक्षक शामिल हैं। प्रदेश समेत तीन अन्य राज्यों के शिक्षक इसमें शामिल हैं।