भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल से स्टूडेंट ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ आतंकियों के जेल से फरार होने और उन्हें मुठभेड़ में मार गिराने को लेकर सवाल और सियासत शुरू हो गई है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस के अलग-अलग बयान आ रहे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी और एमआईएम ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मध्यप्रदेश सरकार अपनी पुलिस की पीठ थपथपा रही है। वहीं जनता को क्रेडिट दे रही है। इस बीच, मध्यप्रदेश सरकार और केंद्रीय गृह विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया है कि ये आतंकवादी भागे गए हैं या किसी योजना के तहत भगाए गए हैं। सिंह ने यह भी कहा कि जिस प्रकार सिमी के लोग जेल तोड़ कर भाग रहे हैं इसकी जांच होना चाहिए कि कहीं ये मिलीभगत का नतीजा तो नहीं है।
बजरंग दल पर प्रतिबंध क्यों नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में केंद्र की एनडीए सरकार को सिमी और बजरंगदल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भेजी थी। लेकिन, तत्कालीन NDA सरकार से सिमी पर तो प्रतिबंध लगाया, लेकिन बजरंग दल पर नहीं लगाया।
भाजपा ने दिया दिग्विजय को जवाब
भारतीय जनता पार्टी के सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिग्विजय के आरोप पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें आतंकियों की तरफदारी करना पसंद है। मप्र पुलिस की पीठ थपथपानी चाहिए उस समय वे उल्टा उन पर शक कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि इससे पहले दिग्विजय दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर को भी झूठा बता चुके हैं।
कमलनाथ बोले- सही जानकारी मिलना मुश्किल
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी अपने बयान में कहा है कि चूंकि जेल से फरार सभी सिमी के सदस्यों को मारा गया है, इसलिए सही जानकारी मिलनी मुश्किल है। इस बात की न्यायिक जांच होना चाहिए कि वे जेल से कैसे भाग गए।
सिंधिया बोले-राजद्रोहियों पर कार्रवाई पर हो तारीफ
इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान में कहा है कि राजद्रोहियों पर कार्रवाई करने वालों की तारीफ की जाना चाहिए। इसके अलावा वे जेल से कैसे भाग गए इसकी जांच भी की जाना चाहिए।
पुलिस को बधाई, जनता को क्रेडिट
इधर मुख्यमंत्री ने आठों आतंकवादियों के मारे जाने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस को सक्रियता दिखाने के लिए बधाई दी है। वहीं जनता को भी क्रेडिट दिया है। उन्होंने कहा कि जनता की जागरूकता से ही आठों आतंकवादी मार गिराए।
सरकार ने क्या ‘व्यापमं फार्मूला’ अपनाया- अलका लांबा
इधर, दिल्ली से आम आदमी पार्टी की नेता और चांदनी चौक से MLA अलका लांबा ने कहा है कि भोपाल की सेंट्रल जेल से पहले आठ आतंकवादियों का भागना और फिर उनका एनकाउंटर पर एक साथ मारा जाना। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार के पास ‘व्यापमं फार्मूला’ था।
ओवैसी ने खोला मुंह, बोले- जांच बिठाए सुप्रीम कोर्ट
हैदराबाद से MIM सांसद असुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस एनकाउंटर पर जांच बैठानी चाहिए। जेल से फरार कैदी अच्छी तरह से कपड़े पहने कैसे हो सकते हैं। उनके पास तो हथियार भी नहीं थे। वो तो सिर्फ कुछ धातु की चीजें लिए हुए थे, जो हथियार जैसा नहीं हो सकता।
लेफ्ट ने कहा- सरकार का बयान संदिग्ध
लेफ्ट की नेता बृंदा करात सरकार के बयान को संदिग्ध बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार का बयान विरोधाभासी बयानों से भरा है। करात ने कहा कि इनकी सुनवाई की जा रही थी। इस बीच उन्हें सिमी का आतंकवादी बताना कानून को ठेंगा दिखाने जैसा है। करात ने कहा कि निष्पक्ष और तय समय सीमा में जांच होना चाहिए। क्योंकि सरकार के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
Hindi News / Bhopal / SIMI: एनकाउंटर पर अब ‘सियासत’ और ‘सवालों’ की फायरिंग