scriptissf shooting world cup- दुनिया के हर देश खेल सके इसलिए छह बार होता है शूटिंग का वर्ल्ड कप | Shooting World Cup is held six times so that every country of the worl | Patrika News
भोपाल

issf shooting world cup- दुनिया के हर देश खेल सके इसलिए छह बार होता है शूटिंग का वर्ल्ड कप

आइएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड का तीसरा एडिशन भोपाल की बिशनखेड़ी रेंज में खेला जा रहा है। जिसमें 30 देशों के करीब 200 निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं।

भोपालMar 26, 2023 / 12:09 am

mukesh vishwakarma

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भोपाल@पत्रिका. वर्ल्ड का नाम सुनते ही दिमाग में फीफा और क्रिकेट विश्वकप का नाम याद आता है जो चार साल में होता है। लेकिन शूटिंग में एक साल में छह वर्ल्ड कप में होते है, वो इसलिए कि दुनिया के हर गरीब देश के इसमें भाग ले सकें। आइएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड का तीसरा एडिशन भोपाल की बिशनखेड़ी रेंज में खेला जा रहा है। जिसमें 30 देशों के करीब 200 निशानेबाज हिस्सा ले रहे हैं। यह वर्ल्ड इसलिए भी खास है कि देश में पहली बार इंडोर रेंज में वर्ल्ड कप खेला जा रहा है। इसी के लिए बिशनखेड़ी में भी देश की पहली इंडोर फाइनल रेंज बनाई गई। इससे पहले दिल्ली के कर्णी शूटिंग रेंज पर वर्ल्ड कप का आयोजन होता रहा है। इस वर्ल्ड कप में पिस्टल और राइफल के इवेंट खेले जा रहे हैं। बतादें कि पहला आइएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप 1986 में मेक्सिको सिटी में हुआ था, जिसमें 10 मीटर एयर राइफल, 10 मीटर एयर पिस्टल, 50 मीटर राइफल 3 पोज़िशन, पुरुषों और महिलाओं के लिए 25 मीटर रैपिड फ़ायर पिस्टल की कैटेगरी शामिल थी।

 

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इसके बाद पेरू, अरजबैजान और ब्राजील में होंगे वर्ल्ड कप

शूटिंग 1896 में ओलंपिक का हिस्सा बना। इसलिए आईएसएसएफ ने इसको लेकर नई पहल की। निशानेबाज़ों को प्रतिस्पर्धा और ओलंपिक के लिए कोटा हासिल करने के मौक़ा मिले। इसलिए वर्ल्ड कप में शूट किए गए स्कोर को वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए माना जाने लगा। अलग-अलग शहरों में हर साल कई राइफ़ल और पिस्टल और शॉटगन वर्ल्ड कप होने लगे। शुरुआत में हर साल छह वर्ल्ड कप होते थे। 1992 में यह संख्या घटकर पांच हुई। 1996 के बाद से हर साल चार शूटिंग वर्ल्ड कप होने लगे फिर ओलंपिक के लिए तीन विश्व कप आयोजित होने लगे। हर कॉन्टिनेंटल में वर्ल्ड कप हो, इसलिए इसकी संख्या फिर से बढ़ा दी है। जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागी इस आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। इसलिए इस साल छह वर्ल्ड कप होंगे। पिछले साल 2022 में पांच वर्ल्ड कप हुए थे। जबकि 2021 में कोरोना वायरस के चलते साल में सिर्फ तीन वर्ल्ड कप ही खेले गए थे। भोपाल के बाद तीन वर्ल्ड कप और खेले जाने हैं। जिसमें पेरू के लिमा शहर में चौथा, अजरबैजान के बाकू में पांचवां और ब्राजील के रियो द जेनेरियो में साल का छठवां विश्वकप खेला जाएगा।

गोल्ड मेडलिस्ट सरबजीत ने की तारिफ

पहले दिन देश को गोल्ड मेडल जीताने वाले सरबजोत को भी यह रेंज बहुत पंसद आई है। उन्होंने बताया कि मैंने पहली बार देश में ऐसी इंडोर रेंज देखी है। दिल्ली में आउटडोर रेंज है। दुनिया में बहुत सारी इंडोर रेंज है। बिशनखेड़ी की रेंज भी हुबहु वैसे ही बनाई गई। यहां गोल्ड मेडल जीतना मेरे लिए यादगार रहेगा।

गरीब देश भी खेल रहे विश्वकप

इस वर्ल्ड कप से सभी पार्टिसिपेंट्स खुश हैं, जो देश भाग ले रहे हैं उनके शूटर्स भी संतुष्ठ हैं। रहने, खाने और ट्रेवलिंग फैसिलिटी भी बेस्ट है। आइएसएसएफ ने यह निर्णय लिया है कि वर्ल्ड कप में जो भी कंट्री खेल रहे हैं। उसे वर्ल्ड कप में अपनी पूरी स्ट्रैंथ भेजने की जरूरत न पड़े। लिमिडेट नंबर के साथ वो वर्ल्ड कप में पार्टिसिपेंट्स कर सकें। साथ ही जो गरीब देश हैं वो भी अपने पास के देश में जाकर विश्वकप खेल सकें। इसलिए वर्ल्ड कप की संख्या बढ़ा दी गई है। इसलिए इस वर्ल्ड कप में भी 200 पार्टिसिपेंट्स हिस्सा ले रहे हैं।

-पवन सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी जनरल, एनआरएआई

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