झुग्गी मुक्त करने की योजना में भोपाल को 9 क्लस्टरों में बांटा गया है। सभी झुग्गी बस्तियों का चिह्नांकन कर व्यापक सर्वे किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी जिसके आधार पर डीपीआर बनेगी।
यह भी पढ़ें: एमपी में फिर से फिक्स होगा कर्मचारियों का वेतन, सरकार ने जारी किए आदेश झुग्गी हटाने की शुरूआत मंत्रालय वल्लभ भवन से की जाएगी। यहां करीब 150 हेक्टेयर से ज्यादा की सरकारी जमीन उपलब्ध है जिसमें से 40 हेक्टेयर पर 9 झुग्गी बस्तियां बसी हैं। भीम नगर, ओम नगर, वल्लभ नगर आदि बस्तियों में करीब 15 हजार झुग्गियां बताई जा रही हैं।
इन सभी झुग्गियों को हटाकर निवासियों को पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे। सरकार पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानि पीपीपी मोड के तहत यह काम करेगी। पहले चरण में मंत्रालय के पास की झुग्गियों के 6 हजार से ज्यादा परिवारों को पक्के मकानों में शिफ्ट किया जाएगा।
40 हेक्टेयर जमीन में से करीब 12 हेक्टेयर पर पक्के मकान बनाए जाएंगे जबकि शेष 28 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर व्यवसायिक कांप्लेक्स, माल, सुपर बाजार जैसे प्राइम डेवलेपमेंट कार्य किए जाएंगे। सरकारी रिकार्ड में भोपाल जिले में कुल साढ़े 4 लाख मकान हैं। इनमें से 1.50 लाख झुग्गियां बताई जाती हैं। इन सभी झुग्गियों को हटाकर पक्के मकान बनाए जाएंगे। राजधानी को अगले 5 सालों में झुग्गी मुक्त बनाने का लक्ष्य है।