इंदौर में टिकी थीं सबकी नजरें
तारीख 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया गया था। इस समय पूरे देश की नजरें सिर्फ इंदौर शहर में टिकी हुई थीं। इतना ही नहीं आसाराम को पकड़ने के लिए दो राज्यों की पुलिस पीछे पड़ी थी। वहीं आला अफसरों को आसाराम को पकड़ने के लिए अपनी नजरों को रात-दिन टिकाए रखना पड़ा। आपको बता दें कि आसाराम को पुलिस ने आधी रात को आश्रम से गिरफ्तार किया था। उन्हें बंद गाड़ी में गिरफ्तार करके पुलिस सीधे कस्टडी में ले गई थी। जब आसाराम को आश्रम से पकड़ा तब वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था।
जानिए ‘स्पेशल नाइट’ की ये दास्तां
बता दें कि आसाराम केस में यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता ने आईपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था। पीड़िता ने अपने बयान में दर्द भरी दास्तां को सुनाया था। जिसके अंतर्गत 6 अगस्त 2013 को आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली पीड़ित लड़की की तबीयत खराब होती है। उसके पेट में दर्द होता है। बाबा की एक साधक शिल्पी लड़की पर प्रेत का साया बताती है। वह पीड़िता से कहती है कि ये प्रेत आसाराम बापू ही दूर करेंगे। 14 अगस्त 2013 को पीड़ित लड़की को आश्रम में आसाराम के पास ले जाया जाता है।
आसाराम- हम तुम्हारा भूत उतार देंगे। तुम कौन सी क्लास में पढ़ रही हो
पीड़ित लड़की- बापू मैं सीए करना चाहती हूं।
आसाराम- सीए करके क्या करोगी तुम। बड़े से बड़े अधिकारी मेरे पैरों में पड़े रहते हैं। तुम तो बीएड करके शिक्षिका बनो। तुम्हें अपने गुरुकुल में शिक्षिका लगा दूंगा। इसके बाद में प्रिंसिपल भी बना दूंगा। अभी तुम पर भूत का साया है। तुम रात को वापस आओ। तुम्हारा भूत उतारूंगा।
पीड़ित लड़की- ठीक है बापू
इसके बाद पीड़िता वहां से चली जाती है। 15 और 16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात उसे कुटिया के अंदर बुलाया जाता है। कुटिया में रसोइया एक गिलास दूध लेकर आया। इसके बाद आसाराम ने लड़की के साथ वो किया, जो नहीं करना चाहिए था। आरोप है कि लड़की का यौन उत्पीड़न करने के बाद आसाराम ने उसको धमकी भी दी थी।
सुनाई गई उम्रकैद की सजा
25 अप्रैल 2018 को विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी अदालत में आसाराम को बलात्कार का दोषी ठहराने और इस अपराध के लिये उन्हें उम्र कैद की सजा का फैसला सुनाया। 77 साल के आसाराम इसी जेल में चार साल से अधिक समय से बंद हैं। यह फैसला ऐसे समय आया है जब यौन हिंसा विशेषकर नाबालिगों के बलात्कार के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर देश में बहस चल रही है। पुलिस ने किसी भी तरह की हिंसा और अप्रिय घटना से निपटने के लिए आसाराम के आश्रमों के आस पास की सुरक्षा बढ़ा दी थी। आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार का दोषी पाए जाने के बाद उसके समर्थकों ने हिंसा की थी। विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों को भी दोषी करार दिया जबकि दो अन्य को बरी कर दिया गया।
आसाराम को पकडऩा आसान नहीं था
आसाराम को पकडऩा आसान नहीं था। इंदौर के खंडवा रोड पर उसके आश्रम में हर जगह अनुयाईयों का बोलबाला था जहां से आसाराम को ले जाने का मतलब आग में हाथ डालने जैसा था। आसाराम को बचाने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए थे। पहले पहल महिलाओं को ढाल बनाया गया था, लेकिन पुलिस इन सब बातों से वाकिफ थी वो पूरी तैयारी से आश्रम पहुंची थी। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस आसाराम बापू को गिरफ्तार कर बाहर लेकर निकल गई।