शिवराज ने दी कमलनाथ को चुनौती
शिवराज ने कहा कि, क्या महक जैसी बिटिया उठती रहे, क्या इन देशों में अल्पसंख्यकों का धर्मांतरण इसी तरह होता रहे, उनका घर जलाए जाते रहें, वहां उनकी संपत्ति पर कब्जा किया जाता रहे? आपको उनकी बेटियों का दुख-दर्द दिखाई नहीं देता? क्या आप सत्ता के नशे में इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि, इन लोगों की गुहार आपको सुनाई ही नहीं दे रही? शिवराज ने प्रदेश सरकार को सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि, सीएए तो लागू होकर रहेगा कमलनाथ जी, दुनिया की कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती।’
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कैबिनेट बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव
आपको बता दें कि, बुधवार को कमलनाथ कैबिनेट की अहम बैठक में नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए संकल्प पारित किया गया। संकल्प के जरिये मांग की गई कि, नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए। ये जानकारी कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से साझा की। बैठक में नागरिकता कानून को प्रदेश में लागू न किये जाने का फैसला लेने का कारण लोगों का विरोध बताया गया। बता दें कि, इससे पहले केरल, पंजाब और राजस्थान विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।
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संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं CAA : मंत्री शर्मा
मीडिया बातचीत के दौरान मंत्री शर्मा ने कहा कि, सीएम ने प्रदेश की जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि, किसी भी कीमत पर प्रदेश में CAA लागू नहीं किया जाएगा। मंत्री शर्मा ने कैबिनेट बैठक में पारित संकल्प को पढ़कर सुनाया। राज्य सरकार ने कहा कि, संसद में पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान के आदर्शों के अनुरूप नहीं है। इस वजह से इस कानून को मध्य प्रदेश में लागू नहीं किया जा सकता। मंत्री शर्मा ने बताया कि, बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी निर्णय लिया गया है।
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संकल्प पत्र के जरिये सरकार ने कहा…
ऐसा पहली बार हो रहा है कि, जब धर्म के आधार पर विभेद करने के प्रावधान संबंधी कोई कानून देश में लागू हुआ है। इससे देश का पंथनिरपेक्ष रूप और सहिष्णुता का ताना-बाना खतरे में पड़ जाएगा। कानून में ऐसे प्रावधान किए गए जो लोगों की समझ से परे हैं और आशंका को भी जन्म देते हैं। इसी वजह से देशभर में कानून के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी इस कानून के विरोध में लगातार प्रदर्शनों का सिलसिला देखा गया, हालांकि, यहां स्थितियां शांतिपूर्ण रहीं। ऐसा नहीं है कि, इस कानून का कोई एक धर्म विशेष विरोध कर रहा है, इनमें समाज के सभी वर्ग शामिल हैं। इन तत्वों के मद्देनजर मध्य प्रदेश शासन भारत सरकार से आग्रह करता है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को निरस्त किया जाए। साथ ही ऐसी नई सूचनाएं, जिन्हें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2020 में अद्यतन करने के लिए कहा है उन्हें भी वापस लिया जाए। उसके बाद ही जनगणना का काम सुचारू हो।