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भोपाल

जिसे नहीं पता अपनी कुलदेवी के बारे में, उनकी कुलदेवी यहां हैं, एक बार जरूर करें दर्शन

Salkanpur devi dham: मध्यप्रदेश में है विजासन देवी धाम। सलकनपुर नामक गाव में स्थित इस पर्वत पर विजासन देवी मां दुर्गा का अवतार है।

भोपालAug 07, 2024 / 03:02 pm

Manish Gite

salkanpur devi dham
mp news: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले (sehore district) में है विजासन देवी धाम। रेहटी तहसील में सलकनपुर नामक गांव में स्थित इस पर्वत पर विजासन देवी मां दुर्गा का अवतार है। मान्यता है कि जिन्हें नहीं पता है कि उनकी कुलदेवी कौन है, तो उनकी कुलदेवी सलकनपुर वाली माता (salkanpur devi dham) विजयासन देवी मानी जाती है।
राजधानी भोपाल से यह देवी दरबार महज 75 किलोमीटर दूर है। नवरात्र के चलते देश के अनेक प्रांतों से भी लोगों के आने का सिलसिला चल रहा है। इस मंदिर में 24 घंटे माता के दर्शन किए जा सकते हैं।

पहाड़ी पर चढ़ाई के तीन रास्ते

पहला रास्ता
इस मंदिर पर पहुंचने के लिए भक्तों को 1400 सीढ़ियों का कठिन रास्ता पार करना पड़ता है। रास्ते में ही प्रसाद और फूलों की दुकानें भी लगी रहती है।
 

दूसरा रास्ता
मंदिर तक पहुंचने के लिए सरकार ने सड़क मार्ग भी बना दिया है। यहां खुद के वाहन से जाया जा सकता है। इसके लिए पहाड को काटकर तीन किलोमीटर लंबा घुमावदार रास्ता बनाया गया है।
 

तीसरा रास्ता
पहाड़ी पर चढ़ाई के लिए तीसरा रास्ता रोब-वे है। यह स्थान भी सीढ़ियों के पास ही है। जो लोग सीढ़ी से नहीं जा सकते, उनके लिए रोब-वे सुलभ साधन है। उड़नखटोले पर बैठते ही 8-10 मिनट में माता के दरबार में पहुंचा जा सकता है।
 

रास्ते में लोग करते हैं सेवा
विजयासन देवी धाम के प्रति श्रद्धा ही है कि भोपाल तरफ से जाने वाले मार्ग पर औबेदुल्लागंज में ही श्रद्धालुओ की मदद करने के लिए स्थानीय लोग तैनात रहते हैं। इनमें अन्य धर्म संप्रदाय के लोग भी शिरकत करते हैं। यहां स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं को फलाहार, फल, चाय, पानी का निशुल्क बंदोबस्त करते हैं।
 

सबकी कुलदेवी है विजासन देवी
कई कुटुंब परिवार ऐसे हैं जिन्हें अपनी कुलदेवी के बारे में जानकारी नहीं हैं। उन सभी की कुलदेवी विजासन देवी हैं। विजासन देवी को विन्ध्यवासिनी देवी भी कहा जाता है। क्योंकि विंध्याचल पर्वत की देवी है।
 

भक्तों के शरीर में आ जाती है ऊर्जा
यहां के पुजारी बताते हैं कि यहां आने वाला चाहे मंत्री हो या निर्धन व्यक्ति, सभी पर मां की असीम कृपा बरसती है। विजयासन देवी धाम के परिसर में आते ही भक्त अपना शरीर ऊर्जा और शक्ति से भरा हुआ महसूस करते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि यहां आने वाला कोई भी दर्शनार्थी खाली हाथ नहीं जाता।
Salkanpur Devi Mandir

मां पार्वती का अवतार
शास्त्रों में बताया गया है कि मां विजयासन देवी माता पार्वती का ही अवतार हैं, जिन्होंने देवताओं के आग्रह पर रक्तबीज नामक राक्षस का वध कर सृष्टि की रक्षा की थी।

सूनी गोद भरती हैं देवी
माता कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी का आशीर्वाद देती हैं। भक्तों की सूनी गोद भी भर देती हैं। भक्तों की ही श्रद्धा है कि इस देवीधाम का महत्व किसी शक्तिपीठ से कम नहीं हैं। इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग विजयासन देवी को कुलदेवी के रूप में भी पूजते हैं।
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salkanpur

यह प्रतिमा है स्वयं-भू

पुजारी बताते हैं कि मां विजयासन देवी की प्रतिमा स्वयं-भू है। यह प्रतिमा माता पार्वती की है, जो वात्सल्य भाव से अपनी गोद में भगवान गणेश को लेकर बैठी है। इस भव्य मंदिर में महालक्ष्मी, महासरस्वती और भैरव की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। भक्त कहते हैं कि एक मंदिर में कई देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने का सभी को सौभाग्य मिलता है।
 

salkanpur

बाघ भी करता है परिक्रमा

माना जाता है कि विजयासन देवी का मंदिर जिस पहाड़ी पर है वह क्षेत्र रातापानी के जंगल से जुड़ा हुआ है। इसलिए मंदिर तक बाघ का विचरण होता रहता है। भक्तों की आस्था है कि माता का यह वाहन माता के दर्शन करने मंदिर के आसपास आता रहता है। कुछ ग्रामीण बताते हैं कि कई बरसों पहले जब यहां मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था तो बाघ मंदिर के पास ही एक गुफा में रहता था। धीरे-धीरे भक्तों की आस्था बढ़ती गई और आज विजयासन देवी धाम देश में जाना-माना तीर्थ बन गया।

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