शैलेंद्र खनियांधाना से 10 अप्रैल को केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे। वे लगातार पैदल चलते रहे और 30 अप्रैल को केदारनाथ धाम पहुंच गए। 21 दिन की इस यात्रा में उन्होंने करीब 1 हजार किमी की दूरी पैदल ही तय की। उन्होंने केदारनाथ की विधिवत पूजा की। केदाननाथ के दर्शन और पूजा करने के साथ ही उनकी पैदल यात्रा पूर्ण हो गई। शैलेंद्र अब यात्रा वापस खनियांधाना लौट रहे हैं जहां शिवभक्त उनके स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
शैलेंद्र के अनुसार उन्होंने केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा का संकल्प लिया था जोकि पूरा हो गया है। बाबा केदारनाथ से उन्होंने देश के सुख समृद्धि और विश्व शांति की कामना की। उन्होंने बताया कि पदयात्रा में उन्हें काफी आनन्द आया। पैदल यात्रा के दौरान उन्हें कहीं कोई परेशानी नहीं आई, रास्ते में लोगों ने उनके रुकने से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्थाएं की। हरिद्वार में उनके भाई ऋषि भी केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा में शामिल हो गए थे।
शैलेंद्र अब यात्रा पूरी कर वापस लौट रहे हैं। इससे परिजन खुशी जता रहे हैं। परिजनों ने बताया कि केदारनाथ धाम पैदल जाने का शैलेंद्र का संकल्प ऐसा था कि आखिरकार हमें झुकना पड़ा था और हमने उसे मंजूरी दे दी। पदयात्रा पूर्ण करने से हमारी खुशी और बढ़ गई है।