जानकारों की मानें तो एक ओर जहां इस हार के चलते राहुल गांधी की नजर में कमलनाथ का कद कुछ कम हुआ है। वहीं प्रदेश में नए प्रदेशाध्यक्ष की मांग को लेकर आवाजें बुलंद होनी शुरू हो गईं हैं। जिसमें सबसे आगे सिंधिया का नाम चल रहा है।
दरअसल मप्र में करारी हार के बाद कैबिनेट मंत्री इमरती देवी ने सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग की, वहीं इसके बाद अब अब परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भी यहीं मांग दोहरा दी है।
माना जा रहा है कि सिंधिया अगर प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो कार्यकर्ताओं में जोश आएगा। वहीं अपना सांसद का चुनाव हार चुके सिंधिया इस पूरे मामले में अभी चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं।
जानकारों का ये भी मत है कि यदि सिंधिया प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर आते हैं, तो कमलनाथ के लिए ये परेशानी वाली स्थिति हो सकती है। वहीं राहुल के संबंध में जानकारों का मानना है कि मप्र में कुछ माह पहले ही बनी राज्य सरकार के बावजूद लोकसभा चुनावों में 29 में से केवल 1 सीट जीतने के चलते राहुल प्रदेश सरकार से काफी खफा हैं, और अब तक जहां वे सिंधिया, कमलनाथ सहित अन्य नेताओं के टकराव को टालते रहे हैं।
वहीं अब नाराजगी के चलते वे सिंधिया को कमलनाथ के समक्ष खड़ा करने में जरा भी नहीं हिचकेंगे।
कमलनाथ ने की थी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद सीएम कमलनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद के इस्तीफे की पेशकश की थी। बता दें कि कमलनाथ पहले भी कह चुके थे प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहता था लेकिन राहुल गांधी ने इंकार कर दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 29 में से केवल 1 सीट पर जीत मिली है।
इधर, सिंधिया को राहुल ने दिल्ली में रोका…
इन सब के बीच प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद दिल्ली में नए अध्यक्ष का मुद्दा गरमा गया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में रुकने को कहा है।
इससे पूर्व सिंधिया ने 4 जून को गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में धन्यवाद सभा करने का कार्यक्रम तय किया और उसे जारी भी कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही ये कार्यक्रम रद्द कर दिए गए।
राहुल के निर्देश के बाद ही सिंधिया ने अपने कार्यक्रम रद्द किए हैं। इस घटनाक्रम को उनकी कांग्रेस में नई बड़ी भूमिका से जोड़कर देखा जा रहा है। पीसीसी में बदलाव की खबरों के साथ ही सिंधिया का नाम नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तेजी से उभरा है।
सिंधिया समर्थकों ने उठाई आवाज
मंत्री इमरती देवी के बाद मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा, सिंधिया के अध्यक्ष बनने से कार्यकर्ता हार की हताशा से बाहर निकलकर उत्साह के साथ कांग्रेस की मजबूती के लिए जुट जाएंगे।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम का कई मंत्री समर्थन कर चुके हैं। कमलनाथ सरकार के कई मंत्री कह चुके हैं कि अब वक्त आ गया है कि प्रदेश के संगठन में बदलाव करते हुए महाराज सिंधिया को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की अटकलें अब तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद दिल्ली में नए प्रदेश अध्यक्ष का मुद्दा गरमा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में रुकने के लिए कहने से सिंधिया ने 4 जून को गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में धन्यवाद सभा का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
MP में दो पॉवर सेंटर:
जानकारों की माने तो यदि सिंधिया को मप्र कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाता है। तो प्रदेश में कांग्रेस के दो पॉवर सेंटर हो जाएंगे। जिसके चलते कांग्रेस में आपसी खींचतान शुरू हो सकती है। वहीं सिंधिया समर्थकों की माने तो सिंधिया के आने से पार्टी में पुन: उर्जा का संचार होगा साथ ही युवा कार्यकर्ता वापस जोश में आ जाएंगे।