विभाग का मानना है कि पहली कक्षा में प्रवेश के दौरान बच्चों की उम्र 5 से 7 साल होती है. ऐसे में 8वीं तक पहुंचने में उनकी उम्र करीब 13 से 15 वर्ष होनी चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में नौवीं में नौ लाख विद्यार्थी हैं। 9वीं से 12वीं के सभी छात्रों के आवेदनों में कोई खामी नहीं इसके संबंध में प्राचार्य को घोषणा पत्र देना होगा।
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जिन बच्चों को गणित कठिन लगती है, उनके लिए राहत भरी खबर है। अब जो स्टूडेंट गणित में कमजोर हैं उनको कक्षा 9वीं में सामान्य और स्टैंडर्ड गणित चुनने के विकल्प दिए जाएंगे। यानि कि बच्चा गणित में कमजोर है, तो वह सामान्य गणित का चयन कर सकता है।
वहीं यदि उसे आगे गणित विषय की पढ़ाई करनी है, तो वह स्टैंडर्ड गणित का चयन करेगा. हालांकि अभी यह विकल्प कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों के लिए दिया जा रहा है. यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो आगामी शैक्षणिक सत्र से इसे कक्षा 10वीं में भी लागू किया जाएगा।
30 सितंबर तक भरे जाएंगे फार्म
माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी वर्ष 2024-25 की प्रवेश नीति के अनुसार 10वीं-12 के परीक्षा फार्म 1 जुलाई से 30 सितंबर तक 1200 रुपए के सामान्य शुल्क के साथ भरे जाएंगे. इसके बाद फार्म भरने पर सामान्य शुल्क के अतिरिक्त 12 हजार रुपये तक विलंब शुल्क चुकाना होगा. इसके साथ ही वर्तमान शैक्षणिक सत्र से 10वीं कक्षा में बेस्ट ऑफ फाइव का विकल्प भी खत्म कर दिया गया है.