स्कूल वाहनों पर प्रति सीट प्रतिवर्ष अब केवल 12 रुपए शुल्क लिया जाएगा, इस प्रकार 20 बच्चों को लेकर चलने वाली स्कूल बस पर सालाना टैक्स 240 रुपए आकलित किया जाएगा। इससे पहले यह दर मासिक रूप से ली जाती थी एवं स्कूल वाहनों को कमर्शियल वाहन की श्रेणी में रजिस्टर्ड किया जाता था।
टैक्स में रियायत मिलने के बाद अभिभावकों ने यह मांग की है कि स्कूल से घर तक बच्चों को लाने एवं ले जाने का किराया भी कम किया जाए ताकि आर्थिक रूप से उन्हें राहत मिल सके। चालू वित्तीय वर्ष में शैक्षणिक सत्र के लिए कई स्कूल बस ऑपरेटरों ने सालाना फीस बढ़ी हुई पुरानी दरों पर ही वसूली हुई है जिसे अगले सत्र में समायोजित करने का विकल्प भी अभिभावकों द्वारा सुझाया गया है। इस मामले में स्कूल बस ऑपरेटर्स ने आदेश लागू होने के बाद समीक्षा की बात कही है।
अधिसूचना का अध्ययन करने के बाद नई दरें लागू की जाएंगी
ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट यात्री बसें, स्कूल बसों पर प्रति सीट टैक्स कम होने से अब यात्रियों से लिया जाने वाला किराया 25 से 30 प्रतिशत कम हो जाएगा। प्रायवेट बस ऑपरेटर एसोसिएशन के मुताबिक अधिसूचना का अध्ययन करने के बाद नई दरें लागू की जाएंगी।
इसी प्रकार शहर के स्कूलों में अटैच अनुंबंधित स्कूल वाहनों को भी टैक्स में छूट मिल गई है। पहले इनसे सामान्य यात्री बसों की तरह टैक्स लिया जाता था। ट्रक ऑपरेटरों की पुरानी मांग को पूरा करने के लिए रजिस्ट्रेशन दरें कम की गई हैं।
पालक महासंघ के अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा बताते हैं कि सरकार ने स्कूल बसों का टैक्स कम किया है तो अभिभावकों से लिया जाने वाला शुल्क भी तत्काल घटाया जाना चाहिए। यदि सालाना शुल्क जमा हो गया है तो इसे अगले सत्र में समायोजित किया जाना चाहिए।
अभिभावक संघ के सचिव सुबोध पांडे के अनुसार कोरोना की बंदिशें बताकर स्कूल वाहन संचालकों ने पहले ही शुल्क ज्यादा बढ़ाया था। सरकार ने उन्हें राहत दी है इसे अभिभावकों तक भी पहुंचाना चाहिए। कोरोना की त्रासदी हम अभिभावकों ने भी झेली हुई है।
वैन ऑपरेटर्स की किराया सूची
5 से 20 किमी के लिए 800 रु.
अधिकतम 1 से 25 की दूरी तक 1600 रुपए
हकीकत में बच्चों की संख्या तय करती है प्रति सीट किराया
बस ऑपरेटर्स की मौजूदा किराया सूची
किलोमीटर – वर्तमान किराया
1 से 20 – 1200 रुपए
21 से 30 – 1900 रुपए
30 से ज्यादा – 2500 रुपए