इस तरह की समस्या को देखते हुए एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) ने इसके हल के लिए मोबाइल नंबर जारी किया हैं। जो आपकी इस तरह की समस्याओं का समाधान करेंगे।
अपने फोन में जरूर सेव करें ये नंबर…
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी देते हुए बताया है कि आप बिना ट्रांजेक्शन के किसी लेन देन का शिकार हुए हैं तो इन टोल फ्री नंबर (1-800-425-3800/1-800-11-2211) पर तुरंत सूचना दे सकते है। इससे आप अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेन देन से बच सकते हैं।
इसी तरह के मामलों के चलते पिछले दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था। इस सर्कुलर में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर आपके बैंक अकांउट से कोई फ्रॉड होता है, उसकी सूचना तुरंत बैंक में देने पर आपको कोई नुकसान नहीं होगा। ऐसा होने पर बैंक आपके नुकसान की भरपाई कर देगा।
एसबीआई द्वारा ये नंबर जारी किए जाने जहां एक ओर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित देश के कई लोगों ने खुशी का इजहार किया है। वहीं भोपाल में बैंक के ग्राहकों ने इसे एक अच्छा कदम बताया है।
कई बार बैलेंस कटने की बात सामने आती थी, ऐसे में हमें या तो बैंक जाकर एपलिकेशन देनी होती थी या हम अपना काफी समय तनाव में व आने जाने में बर्बाद करने को मजबूर होते थे, पर अब इन सब से मुक्ति मिल जाएगी।– आरपी शर्मा, SBI ग्राहक
कई बार अकाउंट से मनी ट्रांसफर करने पर पैमेंट हुए बिना ही पैसा डिडक्ट हो जाता था। जिससे वापस पाने के लिए हमें काफी परेशान होना पड़ता था। हमारा टाइम भी खराब होता था। लेकिन एसबीआई की ये सेवा एक अच्छा कदम हे, जो हमारी परेशानियों में कमी लाएगी।
– एके शुक्ला, दुकानदार
इन दिनों के भीतर दें बैंक को जानकारी…
सर्कुलर के अनुसार कहा गया है कि यदि आपके साथ ऐसी कोई घटना होती है, तो तीन दिनों के भीतर बैंक को जानकारी दें। अगर आपके अकाउंट से कोई फ्रॉड हुआ है तो बैंक को तीन दिनों भीतर ही इसकी जानकारी दें, ऐसा करने पर आपकी जिम्मेदारी शून्य हो जाएगी। यदि इस दौरान आपके अकाउंट से कोई फ्रॉड हुआ है तो बैंक इसकी जिम्मेदारी लेगा व आपके होने वाले नुकसान की भरपाई करेगा।
यदि किसी कारणवश तीन दिन के भीतर बैंक को धोखे की जानकारी नहीं दे पाएं, तो इसकी सूचना चार से सात दिन के बीच दी भी जा सकती है। जिससे उस अनाधिकृत ट्रांजेक्शन के मामले में आपकी जिम्मेदारी सीमित होगी। अर्थात् अनाधिकृत ट्रांजेक्शन का एक हिस्से का नुकसान आपको हटाना होगा।
इस तरह के मामले के लिए सबकी अलग अलग जिम्मेदारी है। अगर आपका अकाउंट जीरो बैलेंस अकाउंट है, तो आपकी जिम्मेदारी 5000 रूपये तक होगी। जैसे आपके अकाउंट से 10000 रूपये का अनाधिकृत लेन देन हुआ है तो आपको सिर्फ 5000 रूपये का ही भुगतान किया जाएगा। 5000 रूपये का आपको नुकसान होगा।
अगर, आपका सामान्य बचत खाता है और आपके अकाउंट से अनाधिकृत ट्रांजेक्शन हुआ है तो आपकी जिम्मेदारी दस हजार रूपए तक होगी। अर्थात् आपके बैंक अकाउंट से बीस हजार रूपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, तो आपको सिर्फ दस हजार रूपये ही वापस मिलेंगे। बाकी पैसों का नुकसान आपको उठाना होगा।