दरअसल, वित्तीय वर्ष 2019-20 में वाणिज्यिक कर विभाग को प्रदेश में राजस्व के लिए 36,888 करोड़ का लक्ष्य मिला है। सितंबर तक 16956 करोड़ रुपए की प्राप्ति हो चुकी है। इसमें सितंबर 2018 की तुलना में सितंबर 2019 में 10 प्रतिशत की ग्रोथ बताई जा रही है। इस ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए विभाग पुराने बकायादारों के साथ ही रिटर्न में देरी करने वालों पर नजर लगाए हुए है। इसमें जीएसटी के पहले वैट कानून के समय की रिकवरी को भी वसूलने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है।
गलत आईटीसी लेने वालों का सत्यापन
स्टेट जीएसटी की ओर से अधिकारिक जानकारी में बताया कि स्टेट जीएसटी के अधिकारी रिटर्न का सत्यापन भी कर रहे हैं। जिन्होंने गलत आईटीसी क्लेम किया है या ले लिया है, उसका सत्यापन प्रारंभ कर दिया है। पहले यह काम विभाग की एंटी इवेजन ब्यूरो की विंग करती थी, परंतु अब संभाग के ज्वाइंट कमिश्नर भी अपने वृत्त प्रभारियों के माध्यम से जानकारी निकलवा कर नोटिस जारी कर रहे हैं।
राजस्व प्राप्ति के लिए सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। जिन लोगों ने सितंबर माह का रिटर्न 20 अक्टूबर तक फाइल नहीं किया है, उन्हें नोटिस देने सहित बैंक खाते सीज करने जैसी कार्रवाई की जा रही है। अब तक बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए है।
ओपी पांडेय, ज्वॉइंट कमिश्नर, वाणिज्यिक कर विभाग