patrika.com आपको बता रहा है सैफ अली खान के जन्म दिवस (saif ali khan birthday) के मौके पर उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से….।
खतरे में पुराने शहर के डेढ़ लाख परिवारों की प्रॉपर्टी, 15 हजार करोड़ की है जमीन
पटौदी के नवाब के साथ ही भोपाल के भी नवाब मंसूर अली खान पटौदी के इकलौते बेटे सैफ अली खान करीब पांच हजार करोड़ से अभी अधिक की दौलत के मालिक हैं। देशभर में कई महल, रिसोर्ट और बंगले हैं। इनमें से कुछ तो बालीवुड से कमाए हैं और इनसे भी कहीं अधिक नवाब खानदान का होने के नाते उनके हिस्से में आए हैं। नवाब पटौदी के इंतकाल के बाद से यह प्रापर्टी उनकी पत्नी जानी-मानी फिल्म एक्टर शर्मिला टैगोर के पास है, जिसके वारिस तीन बच्चे सैफ अली खान, सबा अली और सोहा अली।
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भोपाल में है अरबों की दौलत
शर्मिला टैगोर अपनी संतान के साथ मुबई में रहती हैं। पुराने भोपाल की आधे से अधिक जमान और आसपास के जंगलों को मिलाकर इस परिवार के पास हजारों एकड़ जमीन है। यह लोग अक्सर अपनी प्रापर्टी की देखरख करने के लिए भोपाल आते है। इसके अलावा कई संपत्तियों पर विवाद भी चल रहा है, जिसके सिलसिले में कोर्ट की तारीखों पर अपने दावे प्रतिदावों के लिए भी अक्सर आना-जाना लगा रहता है। उनकी बड़ी बेटी सबा अली औकाफ-ए-शाही के पेंडिंग कामों को निपटाने के लिए ज्यादातर भोपाल आती रहती हैं।
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एक अरब से ज्यादा कीमत का है फ्लैग हाउस
भोपाल नवाब की यह वही प्रापर्टी है, जिस पर विवाद चल रहा है। इस फ्लेग हाउस में नवाबी दौर के कई एंटीक साजो-सामान भी रखे हुए हैं। जबकि कई रिश्तेदार इसका सामान तक निकालकर ले जा चुके है। इस फ्लैग हाउस की कीमत एक अरब से ज्यादा आंकी गई है।
यह है रॉयल पटौदी पैलेस
पटौदी के शाही खानदान की इस प्रॉपर्टी की कीमत करीब 800 करोड़ रुपए आंकी गई है। अब इसे हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है।
फिल्मों में दिखती हैं ये हवेलियां
नवाब खानदान की कई हवेलियां और कोठियां फिल्मों में भी नजर आती हैं। हरियाणा के पटौदी पैलेस में अक्सर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी होती रहती है। अब तक यहां मंगल पांडे, वीर ज़ारा, रंग दे बसंती और लव जैसी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। चिकलोद कोठी पर भी अक्सर फिल्मों की शूटिंग होती रहती है।
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शाही निवास
भोपाल के सबसे पॉश इलाके कोहेफिजा में है यह शाही निवास। इसके एक हिस्से में कॉलेज बन गया है, जबकि दूसरे हिस्से में नवाब के वारिस स्कूल चला रहे हैं। इसकी कीमत भी अरबों में आंकी गई है।
हजारों एकड़ जमीन भी है
नवाब की भोपाल, रायसेन, सीहोर जिलों में हजारों एकड़ जमीन है। भोपाल नवाब खानदान के पास फिलहाल जो जमीनें बची हैं, वो 2700 एकड़ है। कई जमीनों पर मुकदमे चल रहे हैं। कई रिश्तेदारों ने कब्जे मे कर ली है, जिनसे वापस लेने के लिए पटौदी खानदान कोर्ट में लड़ाई लड़ रहा है।
ट्रस्ट संभालता है कई प्रापर्टी
नवाबों की कई प्रापर्टी में मस्जिद और दरगाह की जमीनें भी शामिल हैं, जिसकी देखरेख एक ट्रस्ट करता है। इसे औकाफ-ए-शाही कहा जाता है। मक्का और मदीना की धर्मशाला भी यही ट्रस्ट संभालता है। यह भी नवाब की ही प्रापर्टी है।
चिकलोद कोठी पटौदी की शान है
रायसेन जिले के जिस क्षेत्र में चिकलोद में एक भव्य कोठी है, जो नवाब पटौदी के खानदान की शान मानी जाती है। इस कोठी की खास बात यह है कि इसके आसपास पहाड़ और तालाब का सौदर्य सभी को आकर्षित करता था। यही कारण था कि देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू भी यहां रुकना पसंद करते थे। जब भी वे भोपाल आते थे तो राजभवन में रुकने की बजाय वे भोपाल नवाब हमीदुल्ला खान की बेगम मैमूना सुल्तान के आग्रह पर यहा रुकते थे। यह इलाका नवाब का शिकारगाह भी था, जो उन्हें बेहद पसंद था।
पिता 9वें नवाब थे
इफ्तिखार अली हुसैन सिद्दिकी पटौदी (1917-1952 ) रियासत के 8वें नवाब थे। इफ्तिखार क्रिकेटर भी थे। वे पहले इंग्लैंड टीम की तरफ से खेले थे। उसके बाद भारतीय टीम के कप्तान भी बने। इफ्तिखार के इंतकाल के बाद पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली खां पटौदी बने, जिन्हें सब टाइगर पटौदी के नाम से भी जानते हैं। वे भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं। 22 सितंबर 2011 को मंसूर अली खां पटौदी ने फेफड़ों की बीमारी के बाद अंतिम सांस ली थी।सैफ अली खान है नवाब
हरियाणा राज्य में गुड़गांव से 25 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों में बसे पटौदी रियासत का इतिहास 200 साल पुराना है। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और पटौदी रियासत के 9वें नवाब मंसूर अली उर्फ टाइगर के इंतकाल के बाद 2011 में उनके बेटे सैफ अली खान को 10वां नवाब बनाया गया था।
शर्मिला का नाम रखा आयशा
यह बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि नवाब मंसूर अली खां पटौदी की पत्नी का नाम आयशा सुल्तान उस समय रखा गया था, जब वे इस्लाम धर्म कबूल करने के बाद पटौदी की बेगम बनी थी। तब शर्मिला फिल्म की जानी-मानी एक्ट्रेस थीं। यह शादी भोपाल में हुई थी।