सांसद साध्वी प्रज्ञा के इस बयान के मायने भी निकलने शुरू हो गए हैं। क्या पीएम मोदी जिस स्वच्छ भारत मिशन को लेकर इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। क्या साध्वी ने उन्हीं को टारगेट करने के लिए यह बयान दिया है। क्योंकि पीएम मोदी साध्वी प्रज्ञा से नाथूराम गोडसे वाले बयान को लेकर नाराज चल रहे हैं। मोदी सरकार स्वच्छ भारत अभियान पर करोड़ों रुपये की राशि खर्च कर रही है। साथ ही जागरूकता फैलाने के लिए आए दिन अधिकारी और सांसद खुद सफाई करते नजर आ जाते हैं। ऐसे में साध्वी की यह बात किसके लिए हैं।
नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद से ही भोपाल की सांसद बीजेपी में खुद को अलग-थलग महसूस करती हैं। पार्टी के दिग्गज नेता उन्हें न तो कोई सार्वजनिक कार्यक्रम में बुलाते हैं। न ही मेल जोल रख रहे हैं। एनडीए सांसदों की बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी ने साध्वी प्रज्ञा की अनदेखी की थी। क्योंकि पीएम मोदी ने साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर कहा था कि मैं उन्हें कभी माफ नहीं करूंगा। क्योंकि उन्होंने घोर अपमानजनकर बयान दिया है।
विवादों से पुराना नाता
दरअसल, साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी हैं। जब बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया उसके बाद से ही विवादों में हैं। लेकिन मुंबई एटीएस के चीफ रहे हेमंत करकरे के ऊपर बयान देकर वो और चर्चा में आ गईं। बाद में उन्होंने माफी जरूर मांगी लेकिन बीजेपी ने भी साफ कर दिया कि पार्टी इनके बयानों से इतेफाक नहीं रखती है। फिर नाथूराम गोडसे वाले बयान से भी बीजेपी की काफी किरकिरी हुई।
साध्वी प्रज्ञा जब लोकसभा में शपथ ले रही थीं, तब उनके नाम को लेकर विरोधी सदस्यों ने आपत्ति जताई थी। आपत्ति इस बात को लेकर थी कि वो अपना संन्यास वाली नाम ले रही थीं। बात में लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर ने उनके कागजातों की जांच की फिर वह तीसरी बार में शपथ ले पाईं। वो भी ईश्वर के नाम की शपथ लीं।