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वन विभाग को सूचना दी गई है। मौके पर वन विभाग का अमला मगरमच्छ को पकड़ने में जुटा है। इसके पहले राजधानी के बड़ा तालाब में भी मगरमच्छ देखा गया था जिसके बाद वन विभाग की टीम ने पकड़ा था। बदा दें कि आफत की बारिश से प्रदेश भर से मगरमच्छ के मिलने की और मामले सामने आये हैं। प्रशासन ने सावधान रहने के निर्देश दिये हैं।
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नाले-नालियां उफनने से कई घरों में घुसा पानी
तेज बारिश के बाद बावडिय़ा कलां के नाले का पानी सडक़ व किनारों के घरों तक पहुंच गया। कोलार की मंदाकिनी कॉलोनी में नाले का पानी घरों में घुस गया। गिरधर परिसर, श्रीनगर कॉलोनी में पाइप लाइन के लिए खोदी गईं सडक़ें नालों में तब्दील हो गईं। इंडस गार्डन, धोली गांव, स्वामी विवेकानंद परिसर, कान्हाकुंज में जलभराव हुआ। अंकित परिसर, रघुनाथ नगर, बंजारी डी सेक्टर, आम्र ईडन पार्क के पास, सैफिया कॉलेज रोड, राजीव नगर नई बस्ती, माहमाई का बाग आदि क्षेत्रों में नालों का पानी सडक़ों से होते हुए घरों में घुस गया।
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सितंबर में ऐसी बारिश पहली बार देखी
कुछ वर्षों से तापमान बहुत अधिक या कम होता है तो कभी बरसात अधिक होती है। पहली बार देखने में आया है कि सितंबर में कनेक्टिविटी एक्टिविटी (गरज-चमक) हो रही है। सितंबर में रेनी डेज की संख्या भी बढ़ रही है। अब मानसून देर से आता है और देर तक चलता है। अजय शुक्ला, मौसम वैज्ञानिक
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चार दशक में नहीं हुई इतनी बारिश
मैंने चार दशक में कभी नहीं देखा कि शियर जोन मप्र के ऊपर से गुजर रहा हो। दक्षिण भारत में रहने वाला शियर जोन का 1.5 से 5.8 किमी की ऊंचाई पर होना इसे बेहद प्रभावी बना रहा है। इसके कारण राजधानी और आसपास के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है।
एसके नायक, मौसम वैज्ञानिक