गुरुवार को कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थक मंत्रियों को मना लिया, लेकिन सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को पसंदीदा विभाग दिलाने पर अड़े हैं। सहमति नहीं बनने पर कांग्रेस हाईकमान ने मंत्रियों के विभागों की सूची तलब की है। संभावना है कि शुक्रवार को सूची फाइनल होगी।
सूत्रों के अनुसार कमलनाथ और दिग्विजय के समझाने पर सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ और जीतू पटवारी मान गए हैं। गोविंद सिंह गृह विभाग लेने पर अड़े थे, फिलहाल चुप हैं। सिंधिया अपने समर्थक तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसौदिया और इमरती देवी को पसंदीदा विभाग दिलाने पर अड़े हैं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों के विभागों की सूची पर दिल्ली से ही मुहर लगवाना तय किया है। दिल्ली से सूची मंजूर होती है तो कोई आपत्ति नहीं कर सकेगा। माना जा रहा है कि कमलनाथ की सूची को मंजूरी मिल जाएगी।
बदनावर से कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने आभार बैठक में कहा कि वंशवाद की राजनीति ने मेरा हक छीन लिया। किसी बड़े नेता का बेटा होता तो मंत्री बन गया होता। अन्याय सहन नहीं करूंगा।
मुरैना से चौथी बार जीते ऐंदल सिंह कंसाना को मंत्री नहीं बनाने पर बागचीनी के कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष मदन शर्मा ने इस्तीफा दे दिया।
छह बार के विधायक केपी सिंह मंत्री नहीं बनने से नाराज हैं। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया से नाराज हैं। उनका मानना है कि उन्हें मेरी पैरवी करनी चाहिए। अरनव प्रताप सिंह नाम के एक समर्थक ने फेसबुक पर सिंधिया को पिछोर में प्रतिबंध की धमकी दी।