scriptमध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भीषण आग, 7 बच्चों की मौत, 40 बच्चों को जिंदा बचाया | rescue operation- fire in pediatric ward of bhopal hamidia hospital | Patrika News
भोपाल

मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भीषण आग, 7 बच्चों की मौत, 40 बच्चों को जिंदा बचाया

हमीदिया अस्पताल परिसर में स्थित कमला नेहरू अस्पताल की तीसरी मंजिल पर हुआ हादसा…।

भोपालNov 09, 2021 / 01:02 pm

Manish Gite

hamidia11.png

 

भोपाल। हमीदिया अस्पताल परिसर में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में सोमवार रात भीषण आग लग गई। आग से तीन मंजिला अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में 40 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि चार बच्चों की मौत की पुष्टि रात में ही हो गई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताया है, जबकि मृत बच्चों के माता-पिता को चार-चार लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है, वहीं इस हादसे की जांच अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी मो. सुलेमान को सौंपी गई है। इधर, मंगलवार को सुबह तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है। इनके शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।

 

हादसा रात सवा आठ बजे पीआईसीयू में शॉर्ट सर्किट से ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी ने वहां रखे मॉनिटर और वायर ने आग पकड़ ली, जिससे थोड़ी देर में आग ने बड़ा रूप ले लिया। घटना के वक्त फ्लोर पर मौजूद डॉक्टर, स्टाफ नर्स से लेकर हाउस कीपिंग और सिक्योरिटी स्टाफ बच्चों को बचाने में जुट गया। चारों तरफ बंद होने के कारण आग और धुआं पूरे एनआईसी में भर गया। हालत यह थी कि मोबाइल टॉर्च की रोशनी भी वहां काम नहीं कर रही थी।

 

स्टाफ ने वार्ड में रखे फायर एक्सटिंग्यूशर से आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग और धुंआ ज्यादा होने के कारण स्टाफ को भारी परेशानी हुई। धुंए को निकालने आनन- फानन में खिडकियां तोडकर बच्चों को दूसरे फ्लोर पर ले जाया गया लेकिन इस हादसे में तीन बच्चों की मौत हो गई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह साफ नहीं हो पाया कि घटना में कितने बच्चों की जानें गईं हैं।

 

घटना की सूचना मिलते ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, संभागायुक्त गुलशन बामरा मौके पर पहुंच गए थे। डीआईजी इरशाद वली भी तुरंत मौके पर पहुंचे और गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने में खुद जुट गए। मौके पर मौजूद परिजनों और लोगों ने वहां जमकर हंगामा किया। डीआईजी खुद लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे।

 

 

 

https://www.dailymotion.com/embed/video/x85dged
https://twitter.com/ChouhanShivraj/status/1457776329739280398?ref_src=twsrc%5Etfw

बच्चों को बचाने परिजनों ने बचाने हाथों से तोड़ी खिड़कियां

आग लगने की सूचना के बाद बाहर बैठे परिजन भी वार्ड में घुस गए और बच्चों को बचाने के लिए खिड़कियां तोड़ने लगे। परिजनों को भी पता नहीं चल रहा था कि उनका बच्चा कहां एडमिट है, बस वह लोग बदहवास बच्चों को उठाकर इधर-उधर दौड़ रहे थे। एक परिजन ने बताया कि मेरा चार दिन का बच्चा है। मैं बच्चे के लिए मां का दूध लेने सुल्तानिया गया हुआ था। इधर से बहन ने फोन किया कि अस्पताल में आग लग गई है। मैं दौड़ता-भागता वार्ड में पहुंचा तो देखा चारों तरफ धुंआ ही धुंआ भरा हुआ था। जैसे तैसे में व्हाट्सएप पहुंचा मैंने हाथों से खिड़कियों के कांच तोडने शुरू कर दिए। मुझे नहीं पता कि मेरा बच्चा किस हालत में है।

dailymotion
https://twitter.com/vdsharmabjp/status/1457780645141237773?ref_src=twsrc%5Etfw

6 महीने में तीसरी घटना

इसे लापरवाही कही जाएगी कि पीडियाट्रिक वार्ड में आग लगने की 6 महीने में तीसरी घटना है। इससे पहले भी दो बार इसी जगह पर जगह पर शॉर्ट सर्किट हो चुका है। इससे पहले आईसीयू में लगे पंखे में शार्ट सर्किट के बाद आग लगाई थी। उस दौरान भी वार्ड में धुआं भरने पर बच्चों को यहां वहां शिफ्ट किया गया था।

 

hamidia1.jpg

सीएम ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग की घटना और बच्चों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम चौहान ने कहा कि यह पीड़ादायक घटना है। बच्चों के परिजन के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायल बच्चों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना है। इस घटना की जांच करवाई जाएगी। अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी जांच करेंगे।

 

Hindi News / Bhopal / मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भीषण आग, 7 बच्चों की मौत, 40 बच्चों को जिंदा बचाया

ट्रेंडिंग वीडियो