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हमीदिया अस्पताल से चोरी हुए थे रेमडेसिविर इंजेक्शन के 865 डोज़
याद हो कि, कोरोना महामारी के बीच भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल से 865 रैमडीसिविर इंजेक्शन कथित तौर पर चोरी हुए थे, जिसकी एफआईआर थाना कोहेफिजा में दर्ज की गई है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। गौरतलब है कि, रेमरिसीवर इंजेक्शन के अभाव में असंख्य लोगों की मौतें हुई हैं। ऐसे समय में कुछ प्रभावशाली लोगों ने हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से सांठगांठ कर 865 रेमडिसीवर इंजेक्शन ले लिए थे, जिसका विवरण अस्पताल के आवक-जावक रजिस्टर में मौजूद हैं। सूत्रों का कहना है कि यह रजिस्टर क्राइम ब्रांच के कब्जे में है, जिसमें कुछ राजनेताओं तथा नौकरशाहों द्वारा इंजेक्शन लिए जाने का उल्लेख है।
कांग्रेस विधायक ने दायर की थी याचिका
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि, मामले के दोषियों को बचाने के चलते क्राइम ब्रांच अब तक इस मामले को दबा कर रखे हुए है। इस संबंध में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। इसे देखते हुए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इस संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें मांग की गई थी कि क्राइम ब्रांच के कब्जे में जो रजिस्टर हैं, उसमें राजनेताओं व प्रभावशाली लोगों के नाम हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो।
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कोर्ट का जांच टीम को आादेश
मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रफीक अहमद ने 21 जून 2021 को पुलिस को आदेश दिए कि, इस मामले में धारा 173 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अभियोग पत्र संबंधित न्यायालय में पेश किया जाए। पुलिस द्वारा अगर सही कार्रवाई नहीं की जा रही तो संबंधित मजिस्ट्रेट उस पर संज्ञान लेंगे। इस मामले में जिन लोगों ने कथित तौर पर जीवन रक्षक रेमडिसीवर इंजेक्शन चोरी करवाए थे, वो सभी जांच के दायरे में आएंगे। मामले में अधिवक्ता यावर खान ने पैरवी की थी।
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