मध्यप्रदेश में लॉकडाउन खुलने के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तहत चलने वाली ओला-उबर और प्राइवेट टैक्सियों का कारोबार नए नियमों के तहत होगा। परिवहन विभाग की ओर से बनाई जा रही नई गाइडलाइन के मुताबिक प्राइवेट कैब कारोबार करने वाली कंपनियों को परमिट जारी करने से पहले अब उन्हें शपथ-पत्रपूर्वक सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, कान्टैक्ट ट्रेसिंग जैसे कामों की जिम्मेदारी भी स्वीकार करनी होगी।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि टैक्सियों के संचालन के दौरान यदि किसी ग्राहक को संक्रमण पाया जाता है तो यह कैब आपरेटर की जिम्मेदारी होगी कि संबंधित संक्रमित मरीज के बारे में पूरी जानकारी स्थानीय प्रशासन एवं सीएमएचओ कार्यालय को मुहैया कराई जाए।
कैब कारोबारी को यह बताना होगा कि संक्रमित मरीज को किसी तारीख को कितने बजे शहर में किस स्थान से पिक किया गया था और किस स्थान पर ड्रॉप किया था। इसके अलावा यह भी बताना होगा कि उसके बाद कितने लोगों को कैब में सवारी करवाई गई। नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि एक दिन में दो से तीन बार वाहन को सैनिटाइजेशन कराना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग की नई गाइडलाइन पर फिलहाल प्रोफेशनल कैब कंपनी ओला-उबर की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी परिवहन विभाग ने इन कंपनियों पर ग्राहक सुरक्षा के नाम पर कई नियम लागू किए थे, जिसे लेकर विवाद सामने आए थे। बाद में कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर राहत मांगी थी।