सदन में सीएम ने किया था ऐलान
बता दें कि 9 अगस्त को आदिवासी दिव पर सार्वजनिक अवकाश घोषित न किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने विधानसभा सत्र के दौरान सरकार पर हमला बोला था और सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी सदन में इस बात को लेकर बहस भी हुई थी। इसके बाद सीएम शिवराज ने सदन में इस बात का ऐलान किया था कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा और प्रदेश में इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। सीएम ने ये भी कहा था कि पूरे प्रदेश में जनजातीय संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों, रोजगार और अर्थव्यवस्था के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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इसलिए गर्माया था मुद्दा
बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद पहली बार विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की शुरुआत की गई थी लेकिन जब शिवराज सरकार सत्ता में लौटी तो पिछले साल तो 9 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया पर इस साल आदिवासी दिवस को सार्वजनिक अवकाश की सूची से हटा दिया गया था। जिसे लेकर कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगाया था। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार ने आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था लेकिन शिवराज सरकार ने इस पर रोक लगा दी। वहीं सीएम शिवराज ने इसके जवाब में कांग्रेस पर आदिवासियों के नाम पर सियासत करने के आरोप लगाए थे और बिरसा मुंडा की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया था।
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