प्रदेश के वनरक्षकों के लिए मंगलवार को आंशिक राहत की खबर आई। अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कमलिका मोहंता ने आदेश जारी कर से 165 करोड़ रुपए की वसूली पर फिलहाल रोक लगा दी है। प्रदेशभर के मुख्य वनसंरक्षकों, वनसंरक्षकों से अभी वसूली नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि उनसे पिछले 8 साल में वनरक्षकों को अतिरिक्त वेतन के रूप में दी गई राशि का गणना पत्रक बनाने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें : रेलवे का बड़ा फैसला, 3 हजार किमी लंबे अप-डाउन ट्रेक पर होगी फेंसिंग, बनेगी बाउंड्री वॉल
इस बीच वन विभाग ने अपने कर्मचारियों- वन रक्षकों के लिए वेतन बैंड में बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव दोबारा वित्त विभाग को भेजा है। इस प्रस्ताव में 5200 रुपए की बजाए 5680 का वेतन बैंड देने की बात कही गई है। इस प्रकार वित्त विभाग की मंजूरी मिलने पर वन रक्षकों के वेतन बैंड में 480 रुपए की वृद्धि हो जाएगी।
हालांकि वित्त विभाग इसके पहले वेतन बैंड में वृद्धि के लिए मना कर चुका है। वन विभाग को अगस्त में लिखे पत्र में वित्त विभाग ने कहा था कि फॉरेस्ट गार्ड यानि वन रक्षक सीधी भर्ती का पद नहीं है, इसलिए उन्हें 5680 का वेतन-बैंड नहीं दिया जा सकता है।
वन रक्षकों से अतिरिक्त राशि की वसूली को लेकर वन रक्षकों और कर्मचारियों के जोरदार विरोध के बाद वन मुख्यालय ने सरकार को भी यह प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में वन रक्षकों के लिए 5680+1900 का वेतनमान मंजूर किए जाने की बात कही गई है। वित्त विभाग फॉरेस्ट गार्ड्स वन रक्षक भर्ती के मूलभूत नियम 22 A 2 के तहत वेतन निर्धारण करने की बात पर अड़ा है।