केंद्रीय मूल्यांकन कमेटी की मीटिंग से पहले सुबह भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से उनके आवास पर मुलाकात की। विधायक भगवान दास सबनानी ने भी विरोध जताया। क्रेडाई सदस्य भी वित्त मंत्री से मिले। पहुंचे। अब जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद इस पर निर्णय होगा।
ये हैं प्रमुख आपत्तियां
-गाइडलाइन की दरें वास्तविक बाजार मूल्य से अधिक हैं। – गाइडलाइन (सर्किल रेट) में जोड़े गए उपबंधों के कारण प्रॉपर्टी का मूल्यांकन कई गुना बढ़ जाता है। – अनुमतियों के शुल्क और फीस गाइडलाइन में जोड़ दी गई है, इसके कारण गाइडलाइन फीस और शुल्क बढ़ जाती है। – संपत्ति कर को भी गाइडलाइन से जोड़ा है। गाइडलाइन बढऩे से प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ता है। आम जनता पर असर पड़ता है।
– गाइडलाइन की दरें तय करने की कोई व्यावहारिक और वैज्ञानिक विधि विकसित नहीं है।
अंतत: बिल्डर्स का दबाव काम आया
जिला मूल्यांकन समिति में एक विधायक नामांकित होता है। इसलिए दक्षिण पश्चिम के विधायक भगवानदास सबनानी बतौर जनप्रतिनिधि बैठक में शामिल थे। इसके पहले दर बढ़ोतरी को लेकर शहर के बिल्डर्स ने जमकर विरोध किया था। उम्मीद है गाइडलाइन अब संशोधित होगी। अब आगे क्या
भोपाल शहर के विधायक- सांसद के साथ पंजीयन विभाग व जिला प्रशासन के अफसरों की बैठक होगी। इसमें संभव है गाइडलाइन की दरें कम होने पर निर्णय हो। संशोधित प्रस्ताव को केंद्रीय मूल्यांकन समिति से मंजूर कर लागू किया जाएगा। प्रॉपर्टी की दरों को शासन ने हर तीन माह में रिवाइज करने का कहा है। इसके तहत ही अप्रेल के बाद सितंबर की स्थिति निकालकर दरें रिवाइज की गयीं। जनवरी में दरें रिवाइज होंगी।
अत्यधिक वृद्धि के कारण आमजन और उद्योगों पर बना दबाव
भोपाल में सर्किल रेट में असमय और अत्यधिक वृद्धि के कारण आम जनता और उद्योगों पर जो दबाव बना है, उसके समाधान के लिए क्रेडाई ने बुधवार को वित्त मंत्री से मुलाकात की। मंत्री ने मुद्दों को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसका ठोस समाधान निकालें। -मनोज मीक, अध्यक्ष, क्रेडाई
सस्ती रजिस्ट्री, ज्यादा रजिस्ट्री का फार्मूला अपनाओ
हमने कहा था कि सस्ती रजिस्ट्री, ज्यादा रजिस्ट्री का फार्मूला अपनाओ तो सरकार को लाभ होगा। अब केंद्रीय समिति इसमें संशोधन करेगी। -भगवानदास सबनानी, विधायक दक्षिण पश्चिम
कुछ तो गड़बड़ी है
मास्टर प्लान हो या गाइडलाइन किसी भी बैठक में कांग्रेस विधायकों को नहीं बुलाया जाता। क्योंकि इसमें कुछ गड़बड़ी है, जिस छुपाया जाता है। आरिफ मसूद, विधायक कांग्रेस
फिलहाल प्रस्ताव होल्ड पर
केंद्रीय मूल्यांकन समिति में फिलहाल, गाइडलाइन का प्रस्ताव होल्ड किया है। सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद इसे जारी किया जाएगा। -आलोक शर्मा, सांसद समिति के निर्देश के बाद होगी आगामी कार्रवाई
हमने प्रस्ताव केंद्रीय समिति को भेज दिया था। वहां से जो निर्देश होंगे। उसके अनुसार आगामी कार्रवाई करेंगे।
-कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
ये भी पढ़ें: एमपी के 52 जिलों में महंगी हुई प्रॉपर्टी, सबसे महंगा इंदौर, भोपाल होल्ड पर