इस संबंध में संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि, अधिवक्ता हरिशंकर जैन से भोपाल के इस मामले पर चर्चा कर तमाम कागजी सबूत उन्हें भेजे गए हैं। पिटीशन दायर करने को लेकर हरिशंकर जैन की ओर से सहमति भी मिल गई है। उन्होंने दावा किया कि, भोपाल शहर के चौक बाजार में स्थित जामा मस्जिद को शिव मंदिर के स्थान पर बनाया गया था।
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संगठन का दावा- सबूत मौजूद
दावा है कि, साल 1908 के भोपाल गजेटियर में मंदिर के स्थान पर मस्जिद बनाने का जिक्र है। नवाब शासन काल में सील मुहर के साथ भोपाल गजेटियर जारी किया था। गजेटियर में भोपाल की महिला नवाब कुदसिया बेगम ने मंदिर हटाकर मस्जिद बनाने का जिक्र किया है। गजेटियर में साल 1832 में मंदिर के स्थान पर मस्जिद निर्माण करने का उल्लेख है। 1857 में पांच लाख रुपए की लागत से मंदिर के स्थान पर मस्जिद का निर्माण कराया गया था। दावा ये भी है कि, जामा मस्जिद के स्थान पर सभा मंडप नाम का शिव मंदिर था, जहां 1 हजार से अधिक बच्चे धर्म और वेदों का ज्ञान गृहण करते थे।
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सर्वे की मांग पर भी सरकारों ने नहीं लिया एक्शन
मस्जिद के गुंबद आज भी मंदिर के शिखर है। कथित गुम्बजों में शिव मंदिर के कलश आज भी मौजूद हैं। नवाब काल में भोपाल के हिंदू धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का दावा किया गया है। इससे जुड़े कई सबूत केंद्र से लेकर राज्य सरकार को भेजे गए हैं। अध्ययन के बाद वकील जैन ने पटिशन की स्वीकृत कर ली है। पुरातात्विक सर्वे की मांग पर भी सरकारों की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। चंद्रशेखबर तिवारी के अनुसार, इसी महीने याचिका दर्ज कर न्यायालय से इंसाफ की गुहार गाएंगे।