आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत वैश्य ने भी इस मामले में आवेदन दायर किया है। उनका भी मानना है कि यह अस्पताल गिराने योग्य है। एक्टिविस्ट प्रशांत का कहना है कि अस्पताल का निर्माण नियमों के उल्लंघन और अनियमितताओं के आधार पर किया गया है। उन्होंने अस्पताल के मालिकों पर नियमों का उल्लंघन करते हुए अनियमित निर्माण कराने के बड़े आरोप लगाए है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि नगर निगम से पूर्णता प्रमाणपत्र न मिलने के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अस्पताल संचालन के लिए पंजीयन जारी कर दिया था।
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याचिका में अस्पताल के निर्माण से जुड़ी कई अनियमिताओं के बारे में बताया गया है। उनमे से कुछ यह है:
- अस्पताल वाली सड़क की चौड़ाई 40 फीट से कम है।
- इसमें अनुमत तल क्षेत्र अनुपात (floor area ratio) और ग्राउंड कवरेज से अधिक निर्माण किया गया है।
- अस्पताल के पास मिनिमम ओपन एरिया और पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण सड़क पर गाड़ियां खड़ी होती है।
- अग्नि सुरक्षा और पार्किंग के नियमों का उल्लंघन किया गया है।