पल्लवी कहती हैं, मेरी सफलता का श्रेय पापा अजय मिश्रा (सीनियर एडवोकेट) और मम्मी प्रो. डॉ. रेणु मिश्रा (सीनियर साइंटिस्ट) के साथ ही बड़े भैया आइपीएस ऑफिसर आदित्य मिश्रा को जाता है। वे डीसीपी, इंदौर हैं। शुरू से आखिरी तक उन्होंने मुझे गाइड किया। उन्हीं के कारण मुझे कोई कोचिंग जॉइन नहीं करनी पड़ी। हर चीज आसान होती गई।
मेंस के वक्त ज्यादा टेस्ट नहीं लिख पाई
भाई मजाक में कहते हैं कि तुमने आदित्य मिश्रा कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की है। ये मेरा दूसरा अटैम्प्ट था। पहले अटैम्प्ट में मेंस क्लियर नहीं हुआ था। मुझे पता था कि कहां, क्या कमी रह गई है। इस बार उसी पर फोकस किया। मेंस के वक्त मैं ज्यादा टेस्ट नहीं लिख पाई थी। इसमें 25 नंबर का एक निबंध होता है। मैंने उसके सब्जेक्ट को गलत पढ़ लिया था। खूब टेस्ट लिखे और इसी तरह पढ़ाई जारी रखी।
अपनी कमियों को पहचानो और उस पर काम करो
पल्लवी ने कहा कि परीक्षा में जिनका चयन नहीं हुआ, उन्हें यही कहूंगी कि अपनी कमियों को पहचानो और उस पर काम करो। आपका जो आत्मविश्वास टूट गया है, उसे दोबारा जोड़ो और तैयारी में नए सिरे से जुट जाओ। पल्लवी कहती हैं, मैंने लॉ में ग्रेजुएशन किया है। मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट भी लॉ था इसलिए मुझसे इंटरव्यू में लॉ से जुड़े सवाल ही ज्यादा पूछे गए थे। जूडिशियरी और कॉन्स्टीट्यूशन को लेकर सवाल पूछे गए।
मैं क्लासिकली ट्रेंड सिंगर हूं, मैंने संगीत में एमए किया है तो उससे जुड़े सवाल मैं पूछा गया कि कौन-सा राग कब गाते हैं। मैंने बचपन से ही संगीत की शिक्षा पं. सिद्धराम कोरवार से लेनी शुरू कर दी थी। मेरे कमरे में हारमोनियम है। जब भी मुझे पढ़ाई से ब्रेक लेना होता था या मैं मानसिक थकान महसूस करती थी, मैं संगीत का रियाज करती थी। वैसे मुझे टीवी देखना और ओटीटी पर थ्रिलर वेब सीरीज देखना भी पसंद है। मैं एक्सरसाइज भी करती हूं, क्योंकि हेल्दी रहना जरूरी है। मैं रोजाना 9 से 12 घंटे पढ़ती थी।
सुरक्षा पर ऐसे काम करूंगी कि हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करे
अब अपनी सर्विस के दौरान मेरी पहली प्रायोरिटी क्लाइमेट चेंज को लेकर फाइट करना रहेगी। इसके अलावा मैं महिलाओं तक सरकार की योजनाएं पहुंचाने का प्रयास करूंगी, फिर वह शिक्षा हो या स्वास्थ्य। मैं शहर की सुरक्षा पर ऐसे काम करूंगी कि हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करे।