याचिकाकर्ता नहीं आए तो आयोग खुद गया सुप्रीम कोर्ट
सूत्रों ने बताया कि आयोग ने पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है। इससे पहले आयोग ने मिश्रा के मामले में याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती का भी इंतजार किया था, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करना चाहिए था। लेकिन, जब वे नहीं आए तो आयोग ने स्वतः ही उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला कर लिया।
यह है पेड न्यूज मामला
जल संसाधन, संसदीय कार्य एवं जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा 2008 में जब दतिया से विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। तब पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती ने पेड न्यूज की शिकायत चुनाव आयोग में की थी। धारा-10ए के अंतर्गत आयोग के समक्ष यह शिकायत की गई थी। दतिया क्षेत्र के समाचार पत्रों में पेड न्यूज से जुड़े 42 मामले सामने आए थे। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। इसके बाद आयोग ने 23 जून 2017 को नरोत्तम मिश्र को दोषी माना था। आयोग ने उन्हें तीन साल के लिए भी चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में भी नरोत्तम मिश्र अपना वोट नहीं डाल पाए थे।
मंत्री पद पर बना है खतरा
चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद से ही राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं जनसंपर्क मंत्री मिश्रा के मंत्री पद पर खतरा मंडरा रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि अब उन्हें मंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा था कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को गुमराह कर चुनाव जीतने वाले मंत्री मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।