महत्वाकांक्षी फिल्म ‘पद्मावती’ की जयपुर में शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट पर हमला भी हुआ था। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से इसका विरोध और भी बढ़ा। ‘पद्मावती’ के खिलाफ कई लोग आवाज उठा रहे हैं लेकिन इन विरोधों में ‘श्री राजपूत करणी सेना’ का नाम मुख्य रुप से सामने आ रही है। बीते दिनों शूटिंग के दौरान जो हमला हुआ उसके पीछे भी करणी सेना के सदस्यों का ही हाथ था। कुछ दिन पहले इस दल से जुड़े एक सदस्य ने रानी पद्मावती के वंशज होने का दावा किया है। उसने ये भी बताया कि मेवाड़ में पद्मावती के कई सारे वंशज रहते हैं। जानिए कौन हैं पद्मावती के वंशज…
ये हैं पद्मावती के वंशज
बीते दिनों करणी सेना लीडर महिपाल सिंह मकराना ने दीपिका पादुकोण को धमकी देते हुए कहा था कि, “क्षत्रिय, महिलाओं की इज्जत करना जानते हैं। फिल्म बैन नहीं हुई और दीपिका ने अपनी भाषा से भावनाओं को भड़काना बंद नहीं किया तो राजपूत भी पीछे नहीं हटेंगे।” इतना ही नहीं उन्होंने रावण की बहन शूर्पणखा का उदाहरण देते हुए ये भी कहा कि हम वो काम करने से बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाएंगे जो लक्ष्मण ने रामायण में किया था। बता दें कि करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी खुद को पद्मावती का वंशज बताते हैं। उनके कहना है कि वे पद्मावती के 37वें वंशज है। राजस्थान के नागौर जिले के एक गांव से तालुक रखने वाले 67 वर्षीय कालवी स्व-घोषित किसान हैं। वे पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी का समर्थन करते हैं लेकिन राजनीति में वे ज्यादा सफल नहीं हो सके।
कालवी को है शूटिंग का शौक
पद्मावती के वंशज लोकेंद्र सिंह कालवी को शूटिंग का बहुत शौक है। कालवी ने साल 2010 में भोपाल में आयोजित निशानेबाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीता था। शूटिंग के साथ ही उन्हें राजनीति का भी बेहत शौक है। लोकेंद्र सिंह कालवी के पिता कल्याण सिंह कालवी केंद्रीय मंत्री थे। कल्याण सिंह कालवी 1990-91 की चंद्रशेखर सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी 6 फुट लंबे लोकेंद्र नाथ कालवी की आवाज अपने संगठन के कार्यकर्ताओं के लिए आदेश की तरह होती है। खुद को किसान कहने वाले 67 वर्षीय लोकेंद्र नाथ ने राजनीति में सफलता पाने के कई प्रयास किए, लेकिन असफल ही रहे। 1993 में उन्होंने नागौर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। इसके बाद 1998 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से बीजेपी के टिकट पर भाग्य आजमाया था, लेकिन फिर शिकस्त झेलनी पड़ी।
दूसरे वंशज हैं महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़
रानी पद्मावती के दूसरे वंशज महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ हैं। मेवाड़ साम्राज्य के 76वें महाराणा हैं। वे 9वीं लोकसभा का हिस्सा भी थे। महेंद्र सिंह मेवाड़ के एक छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ भी हैं। कहा जाता है कि इन दोनों भाइयों के बीच व्यवहार सही नहीं है। लोगों के नुताबिक महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ के पिता महाराणा भगवत सिंह ने सारी संपत्ति छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ के नाम कर दी थी। इनका होटल का बिजनेस है। इस समय ले जयपुर के सिटी पैलेस में रहते हैं।
हाथ में हमेशा रहती है तलवार
महेंद्र सिंह मेवाड़ और अरविंद सिंह मेवाड़ दोनों भाई शान-ओ-शौकत से जिंदगी को जीते हैं। कुंवर महेंद्र सिंह अक्सर ही अचकन की राजशाही पोशाक और मेवाड़ी पगड़ी पहने ही जनता के बीच पहुंचते हैं। इनके हाथ में तलवार भी जरूर होती है। दोनों भाई अपने-अपने कामों में किसी की दखल पसंद नहीं करते हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ लोगों से ज्यादा मिलते-जुलते नहीं हैं लेकिन महेंद्र सिंह मेवाड़ जनता के बीच अधिक सक्रिय रहते हैं। वे जहां भी जाते हैं लोग उनके आगे-पीछे इकट्ठा हो जाते हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ का एक बेटा और एक बेटी है। बेटे का नाम महाराज कुंवर विश्वराज सिंह और बेटी का नाम कंवरानी त्रिविक्रमा कुमारी जमवाल है।