– भोपाल
– जबलपुर
– दमोह
– खजुराहो
– खंडवा
– होशंगाबाद
– सागर
– मंदसौर
– सतना
– रीवा ओबीसी उम्मीदवार पर नजर :
इन दस सीटों पर कांग्रेस-भाजपा को अब जातिगत समीकरण साधने होंगे। अभी तक इन सीटों के उम्मीदवार का फैसला जातिगत आधार पर नहीं हुआ है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग से खंडवा से अरुण यादव, दमोह से रामकृष्ण कुसमरिया,मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, सागर से प्रभुराम ठाकुर, होशंगाबाद से राजकुमार पटेल और रीवा से देवराज सिंह पटेल दावेदारी कर रहे हैं। वहीं भाजपा में दमोह से प्रह्लाद पटेल, सागर से लक्ष्मीनारायण यादव, होशंगाबाद से राव उदयप्रताप सिंह और सतना से गणेश सिंह पिछड़ा वर्ग से आते हैं।
केंद्र के १० फीसदी सवर्ण आरक्षण को बड़े राजनीतिक बदलाव के रुप में आंका जा रहा था। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में हुई भाजपा की हार के पीछे सवर्णों की नाराजगी को बड़ी वजह माना गया था। प्रदेश में सक्रिय हुआ सपाक्स चुनाव में तो कोई करिश्मा नहीं कर पाया लेकिन १५ साल के भाजपा शासन को बेदखल करने में उसकी अहम भूमिका रही।
– कमलनाथ मुख्यमंत्री –
– ये सिर्फ चुनावी आरक्षण है, चुनाव में लाभ लेने के लिए प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण का कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने सवर्णों के दस फीसदी आरक्षण को समिति बनाकर लटका दिया है,जिसका खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ेगा।
– गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष –