विभागीय अधिकारियों के अनुसार भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एफएसएसएआइ में इनके पंजीयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये उत्पाद जल्द ही बाजार में उतारेंगे। वनोपज संघ के वैद्य लंबे अर्से से इस पर काम कर रहे थे। पहले चरण में करीब 50 लीटर शीतल पेय बनाया गया था, जिसका विभिन्न् स्तर पर परीक्षण किया गया. खुद वनमंत्री और अधिकारियों ने भी पेय के फ्लेवर की काफी तारीफ की.
इस पर संघ ने जामुन खरीदने की तैयारी शुरू कर दी और पेय के लिए अतिरिक्त शहद भी मंगाया। इन दोनों पेय को निषेचन यानि फर्टिलाइज कर तैयार किया जा रहा है जिससे ये लंबे समय तक खराब नहीं होंगे। अधिकारियों का तो दावा है कि ये पेय 18 महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं। प्रारंभिक परीक्षणों में दोनों पेय पास हो चुके हैं। अब मांग के अनुसार उत्पाद तैयार होगा। ये पेय फिलहाल दो सौ मिली लीटर की पैकिंग में लाया जा रहा है।