भोपाल

अब इलाज कराने के लिए तेजी से बनेंगे आयुष्मान कार्ड, शुरु हो गया है 15 हजार कार्ड बनाने का काम

गैस राहत अस्पतालों में लिए जा रहे आवेदनआयुष्मान कार्ड के लिए मिला अलग पोर्टल, दस्तावेजों में कमी से रुके आवेदन

भोपालDec 11, 2022 / 05:25 pm

Astha Awasthi

Ayushman card

भोपाल। गैस पीड़ितों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में सुविधा मुहैया कराने बन रहे आयुष्मान कार्ड में अब तेजी आ सकेगी। इनके लिए अलग पोर्टल मिल गया है। लंबित करीब 15 हजार कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। राजधानी में हजारों गैस पीड़ित कार्ड के लिए परेशान हैं। आयुष्मान कार्ड के लिए करीब 15 हजार आवेदन गैस राहत अस्पतालों में लंबित हो गए हैं। इनमें अधिकांश ऐसे हैं जिनमें कई त्रुटियां हैं। पोर्टल के जरिए कार्ड बनाने के दौरान यह कमियां सामने आई। तलैया थाने के पास इंदिरा गांधी अस्पताल, डीआईजी बंग्ला के पास जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय और हमीदिया अस्पताल परिसर स्थिति कमला नेहरू में यह कार्ड बनाने काम चल रहा है।

कार्ड नहीं था, निजी अस्पतालों में चुकाना पड़ा इलाज का खर्च

जानकारी के मुताबिक निजी अस्पतालों में जा रहे गैस पीड़ितों को इलाज का खर्च देना पड़ रहा है। कार्ड बनने की घोषणा को एक साल बीत जाने के बाद भी हजारों लोग इससे वंचित हैं। छोला निवासी मातादीन गंभीर रूप से बीमार थे। गैस राहत अस्पताल में इलाज की कमी देख परिजन निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए। यहां पर इन्हें हजारों रुपए इलाज का खर्च देना पड़ा। इनके पास गैस राहत विभाग का कार्ड और सभी दस्तावेज है। बताया गया कि आयुष्मान न बन पाने के कारण यह स्थिति बनी।

मिनी यूनिट, डिस्पेंसरी और बाकी अस्पतालों में शिविर लगाने की मांग

गैस राहत के शहर में सात बड़े अस्पताल हैं। आठ मिनी यूनिट है। रोजाना करीब पांच हजार मरीज यहां इलाज पाने के लिए पहुंचते हैं। कार्ड बनाने में तेजी लाने के लिए इन सभी जगहों पर कर्मचारियों की तैनाती की मांग की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो जल्द इन्हें बनाया जा सकेगा। गैस पीड़ितों को इसका फायदा मिलेगा।

सत्येन्द्र राजपूत, सीएमओ गैस राहत अस्पताल का कहना है कि पोर्टल मिल गया है। इसके जरिए गैस राहत अस्पतालों में कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। गैस पीड़ित अपने दस्तावेज के साथ आवेदन कर सकते हैं। बाल कृष्ण नामदेव, एक्टिविट गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा का कहना है कि आयुष्मान कार्ड के लिए कई गैस पीड़ित परेशान हैं। आवेदन के बाद भी इनके कार्ड नहीं बन पाए हैं। इस संबंध में अधिकारियों से मिलकर मांग रखेंगे। इलाज में परेशानी हो रही है। राजधानी में हजारों की संख्या में गैस पीड़ितों के कार्ड बनना बाकी है।

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