गुजरती है कर्क रेखा
दरअसल यह कर्क रेखा का कमाल है जोकि यहां से गुजरती है. पृथ्वी के मानचित्र या ग्लोब पर खींची गई पांच प्रमुख अक्षांस रेखाओं में से एक कर्क रेखा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नजदीक से गुजरती है। इसे करीब 36 हजार किमी लंबा बताया जाता है। भोपाल-विदिशा रोड पर जिस जगह यह रेखा गुजरती है उसे बाकायदा चिन्हित भी किया गया है।
सलामतपुर और दीवानगंज के बीच जिस जगह से यह रेखा गुजरती बताई गई है उसे सेल्फी पाइंट की तरह विकसित कर दिया गया। यहां एक राजस्थानी पत्थरों से चबूतरा बनाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक 21 जून को सूर्य इस रेखा के ठीक ऊपर होता है। जिस कारण परछाई नहीं बनती है। यानि साल में एक दिन ऐसा आता है जब परछाई गायब हो जाती है। उत्तरी गोलार्ध में यह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है।
देश के 6 राज्यों को करती है पार
इस काल्पनिक रेखा की लंबाई 36788 किमी बताई जाती है। मध्यप्रदेश के साथ यह गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, मिजोरम से भी गुजरती है। प्रदेश के रायसेन, विदिशा, आगर, कटनी, उमरा, शहडोल, उज्जैन, और जबलपुर से यह गुजरती है। कुछ स्थान पर पाइंट बना चिन्हित किया गया है। राजधानी के पाास इसे किसी टूरिस्ट स्पॉट की तरह बनाया गया है।