भोपाल के चांदपुरा में आरा मशीनों के लिए नया औद्योगिक क्षेत्र बनाए जाना है। इससे फर्नीचर कारोबार से जुड़े लोगों को लाभ होगा। भोपाल की आरा मशीनें भी वहां शिफ्ट होंगी। जबकि बुरहानपुर में पॉवर लूम क्लस्टर विकसित किया जाना है। यहां का पॉवरलूम सेक्टर कुटरी उद्योग की श्रेणी में है, अब यह व्यवस्थित होगा। औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से नए उद्योग स्थापित होने के साथ लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
इन औद्योगिक क्षेत्रों को होगा विस्तार – केन्द्र सरकार की क्लस्टर विकास योजना के तहत राज्य सरकार प्रदेश के एक दर्जन औद्योगिक क्षेत्रों का विकास भी करने जा रही है। इनमें गोविंदपुरा-भोपाल, चन्द्रपुरा-छतरपुर, कुसमोदा-गुना, रतलाम, गंधारी-दतिया, अशोकनगर, मटेहना-सतना, मक्सी रोड-उज्जैन और देवास का औद्योगिक क्षेत्र शामिल है। इन औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना का उन्नयन किया जाएगा। इसके लिए भी केन्द्र के एमएसएमई विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।
9 माह में पौने दो लाख नई औद्योगिक इकाइयां रजिस्टर्ड – कांग्रेस सरकार के 9 माह के कार्यकाल की बात की जाए तो स्वरोजगार के लिए चलाई जा रही योजनाओं का असर दिखा। लघु और मध्यम उद्योगों में इजाफा हुआ। इन 9 महीनों में उद्योग आधार मेमोरेण्डम के तहतह पौने दो लाख औद्योगिक इकाइयां रजिस्टर्ड हुईं। इनमें 11 हजार करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश हुआ। साथ ही साढ़े पांच लाख लोगों को रोजगार मिला।