वही इस रिपोर्ट के मुताबिक़ आदिवासी वर्ग और दलितों के खिलाफ अत्याचार में भी मध्यप्रदेश एक बार फिर देश में शीर्ष पर आया है। वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में एससी-एसटी वर्ग के खिलाफ मामलों में 9.38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आत्महत्या के मामले में भी मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। यह शिवराज सरकार के पिछले 16 वर्षों के विकास, सुशासन के दावों की हकीकत है।
कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि आज मध्यप्रदेश में कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है। शिवराज सरकार जनता को गुमराह करने के लिए मंचों पर कन्या पूजन तो करती हैं लेकिन वर्षों से इन्हें सुरक्षा व सम्मान देने में यह सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई हैं। सरकार को इस रिपोर्ट के बाद अपनी नाकामी स्वीकारते हुए अविलंब प्रदेश की जनता, बहन-बेटियों से माफी मांगना चाहिए व जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करना चाहिए और प्रदेश के माथे पर वर्षों से लगे इस दाग को धोने के लिये कड़े कदम उठाना चाहिये।