आयोग ने निर्देश दिए हैं कि इस पूरे मामले की जांच वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से कराई जाए। लेकिन यह अधिकारी स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा का नहीं होना चाहिए। जांच दल में फायर सर्विस के डीजी, पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी और सीनियर पुलिस ऑफिसर शामिल हो। यह पुलिस अधिकारी आईजी रैंक से नीचे का नहीं होना चाहिए। जांच दल अस्पताल को दी गई फायर एनओसी के विवरण और उक्त अस्पताल के लिए किए गए अंतिम अग्नि सुरक्षा ऑडिट के विवरण की जांच करेगा।
आयोग ने अस्पताल को दी गई फायर एनओसी और सेफ्टी ऑडिट की कॉपी भी मांगी है। साथ ही यह भी कहा है कि यहां से बच्चों का जिस अस्पताल में शिफ्ट किया गया है वहां एसएनसीयू जरूरी है। पीडि़त परिवारों को उचित मुआवजा देने के निर्देश भी आयोग ने दिए हैं। आयोग ने तीन दिन में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और गठित जांच दल के आर्डर की कॉपी मांगी है।