बताया गया कि विदिशा मार्ग की बसों के लिए रिजर्व स्टैंड पर जब अन्य बसों की प्रवेश होने के साथ ही निगम ने परिसर में प्रवेश होने वाली बसों पर अनुरक्षण शुल्क जो प्रति बस 40 रुपए की वसूली शुरू कर दी थी। इसके बदले में स्टैंड का रख-रखाव भी हो रहा था,लेकिन कुछ बस संचालकों ने इस पर स्टे ले लिया। जिससे अनुरक्षण शुल्क ही यहां से बंद नहीं हो गया। बस स्टैंड में अतिक्रमण शुरू हो गया है। हाल यह है कि ट्रेवल्स एजेसियों खुलने के साथ ही प्रत्येक बस को भरने के लिए दलाल सक्रिय हो गए है। गौरतलब है कि विदिशा मार्ग की बसों के लिए रिजर्व नादरा बस स्टैंड पर सभी मार्ग की बसे कोरोना महामारी के बाद से ही बेलगाम प्रवेश कर रही है। मेंटेनेंस का हाल यह है कि प्रतीक्षालय तक दो पहिया वाहनों की पार्किंग शुरू हो चुकी है। एक ओर यहां हमीदिया रोड से लगा व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स तोडऩे का काम चलने से मलवा स्टैंड के अंदर तक फैल रहा है, वहीं स्टैंड परिसर में साफ-सफाई तक नहीं हो रही है। दुकानदारों ने बताया कि अनुरक्षण शुल्क के बदले स्टैंड की व्यवस्था होती रहती थी। अब तो बसों की यहां स्टापेज पर किसी का कंट्रोल नहीं है। स्टैंड परिसर में प्रवेश व निकासी पाइंट पर बेरियर स्थापित किए गए है, लेकिन उसका उपयोग तक नहीं हो रहा है।
कैमरे लगने के बाद
भी कंट्रोल नहीं
दुकानदारों ने बताया कि वैसे तो सुरक्षा के लिहाज से हाल ही में नादरा बस स्टैंड परिसर में करीब एक दर्जन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। जिससे हनुमानगंज थाने में लगी स्क्रीन से पुलिस नजर रखी जाती है। इससे अपराध व मार्केट की दुकानें तय टाइम पर बंद करवाने में तो पुलिस को मदद मिल रही है, लेकिन अंदर फैली अव्यवस्था, अन्य मार्गो की बसों के प्रवेश पर कंट्रोल नहीं किया जा रहा है। ट्रेवल्स एजेंसियों ने तो कोने-कोने में प्रचार बोर्ड लगाए हुए है। इतना ही नहीं टिकट खिड़की से लेकर यात्रियों के प्रतीक्षालय तक लोगों ने दो पहिया वाहन पार्क कर रहे है, जबकि अंदर ही पुलिस की चौकी तक बनी हुई है।
प्रक्रिया चल रही है ये सहीं है अनुरक्षण शुल्क विरोध के बाद बंद हो गया है, लेकिन उसे फिर से शुरू किया जाएगा। स्टैंड की व्यवस्था ठेके पर देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा सुबह व शाम को स्टैंड की साफ-सफाई बराबर होती है।
परितोष रंजन परसाई,
जोनल अधिकारी