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आलोक शर्मा का घर पुराने शहर में ही है। ये उत्तर व मध्य विधानसभा की सीमा में है। बावजूद इसके वे यहां से चुनाव हार गए। इसी तरह कांग्रेस के अरुण श्रीवास्तव भोपाल ग्रामीण व बैरसिया में सक्रिय रहे हैं। पंचायत के चुनावों में पर्दे के पीछे सक्रिय भागीदारी करते रहे लेकिन यहां कांग्रेस को बड़ी हार मिली है।
भोपाल सीट का इतिहास
भोपाल लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। यहां भाजपा ने सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस छह बार, भारतीय जनसंघ और जनता पार्टीने एक बार जीत दर्ज कराई है। 1952 से 1962 तक कांग्रेस, 1967 में भारतीय जनसंघ, 1971 में कांग्रेस, 1977 में जनता पार्टी, 1980 से १९84 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। 1989 से २०२४ तक बीजेपी के सांसद का दबदबा बरकरार है।
हुजूर से ज्यादा लीड गोविंदपुरा में
संसदीय चुनाव में भी विधानसभा में भाजपा के मिले मतों की बढ़त कायम रही। भाजपा की जीत में सबसे बड़ा योगदान कृष्णा गौर के गोविंदपुरा क्षेत्र से रही। यहां आलोक शर्मा को 1.37 लाख वोट मिले। जबकि हुजूर विधानसभा से भाजपा 1.32 लाख से ज्यादा वोट से जीती। भाजपा विधायक कृष्णा गौर ने विधानसभा चुनाव में एक लाख से अधिक वोट लेकर बड़ी जीत दर्ज की थी।