इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि, प्रदेश में युवाओं को रोजगार दिलाने के लिये सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में 15 अगस्त तक 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना प्रदेश के युवाओं को स्व-रोजगार के साथ सम्मानजनक रोजगार देने में भी मददगार साबित होगी। योजना के तहत युवाओं को कंपनियों में ट्रेनिंग के साथ हर महीने 8 हजार रूपए स्टाइपेंड दिया जाएगा। योजना की शुरुआत के बाद हितग्राहियों को सीखने की अवधि में 8 से 10 हजार रुपए स्पाईपेंड के रूप में हर महीने दिया जाएगा। युवाओं के लिए सरकारी पदों पर 1 लाख पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद 50 हजार अन्य पदों पर भर्ती की जाएगी।
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जानें किस तरह युवाओं को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए ट्रेन किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार मिल सकेगा। योजना युवाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएगी। इस आनलाइन प्रक्रिया में युवाओं को कौशल सीखने के साथ ही आठ से 10 हजार रुपए महीना स्टाइपेंड दिया जाएगा। अब तक 10,368 प्रतिष्ठान (कंपनियां) पंजीकृत हुई हैं। ये कंपनियां 34 हजार से अधिक रिक्त पदों पर युवाओं की नियुक्ति देंगी।
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जाने योजना से जुड़ी जरूरी बातें
– योजना के आवेदकों को समग्र आईडी, शैक्षणिक योग्यता, डिग्री आदि की जरूरत होगी।
– योजना में मध्य प्रदेश के 18 से 29 वर्ष के स्थानीय निवासी 12वीं या उससे कम पढ़े लिखे युवा को 8 हजार रूपए, ITI उत्तीर्ण को 8500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10000 रूपए हर माह स्टाईपेंड दिया जाएगा।
-राज्य शासन द्वारा निर्धारित स्टाईपेंड की 75 फीसदी राशि प्रशिक्षणार्थियों को DBT से भुगतान की जाएगी।
-संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 फीसदी राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
-प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिए स्वतंत्र होंगे। स्टाईपेंड एक साल तक दिया जाएगा।
-योजना में युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए चिन्हित कार्यक्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, IT सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएं, शिक्षा एवं प्रशिक्षण समेत 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी लेंगे।