बता दें कि प्रदेश भर में एमपीपीएससी मेंस परीक्षा के लिए आयोग ने 10 जिलों में 22 एग्जामिनेशन सेंटर बनाए गए हैं। इन 22 एमपीपीएसी एग्जामिनेशन सेंटर पर आज 6000 से ज्यादा केंडिडेट्स परीक्षा देने पहुंचे हैं।
आपको बताते चलें कि एमपीपीएससी के 229 पदों पर निकली भर्ती के लिए मेंस एग्जाम्स 11 मार्च सोमवार से शुरू हुए हैं और 16 मार्च तक ये एग्जाम होंगे। इसके लिए इंदौर इंदौर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, ग्वालियर, सतना, जबलपुर, छिंदवाड़ा, शहडोल, बड़वानी, सागर जिले में केंद्र बनाए गए हैं।
सोमवार को प्रदेश भर के 10 जिलों में आयोजित होने वाली एमपीपीएसी मेंस की परीक्षा में शामिल होने के लिए केंडिडेट्स 45 मिनट पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। वहीं एमपीपीएसी मेंस की परीक्षा के 15 मिनट पहले उन्हें एग्जाम रूम में भेजा गया। बता दें कि एमपीपीएसी एग्जाम्स में नकल रोकने के लिए हर जिले में एक-एक उडऩदस्ता टीम बनाई गई है। ये उडऩदस्ता टीम एमपीपीएसी एग्जाम सेंटर्स पर नजर रख रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से एमपीपीएसी की प्रीलिम्स परीक्षा का रिजल्ट 18 जनवरी 2024 को जारी किया गया था। आठ विभागों में रिक्त पड़े 229 पदों पर भर्ती के लिए ये परीक्षा आयोजित की गई थी। एमपीपीएसी मेंस-2023 सोमवार 11 मार्च से 16 मार्च तक चलने वाली इस परीक्षा में पास होने वाले केंडिडेट्स को 229 पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
इंटरव्यू में पास होने वाले इन केंडिडेट्स में कुछ की भर्ती 27 डिप्टी कलेक्टर पदों पर की जाएगी, कुछ केंडिडेट्स को 22 पुलिस उप अधीक्षक बनाया जाएगा, 17 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पदों पर नियुक्त किए जाएंगे। वहीं 16 विकासखंड अधिकारी बनेंगे। 122 सहकारी निरीक्षक की पोस्ट पर तैनात होंगे। 17 मुख्य नगर पालिका अधिकारी बनकर राज्य में अपनी सेवाएं देंगे। इसके साथ ही तीन-तीन नायब तहसीलदार और आबकारी उप निरीक्षक बनेंगे।
बता दें कि एमपीपीएससी 2023 (MPPSC 2023) की मुख्य परीक्षा को लेकर बीते दिनों अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों खूब हंगामा किया था. प्रील्म्सि परीक्षा 2023 में पास हुए उम्मीदवारों ने एमपीपीएससी परीक्षा की तारीख बढ़ाने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। इंदौर स्थित मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के सामने धरना भी दिया गया था. हालांकि आयोग की तरफ से सूचना में स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी। गलत प्रश्न के मामले में 500 ज्यादा को
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद कई अभ्यर्थी गलत प्रश्नों के कारण 1-2 नंबरों से बाहर हो गए। ऐसे में कई अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं को इंदौर हाईकोर्ट ने शर्तों पर मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी है, लेकिन करीब 500 से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो आर्थिक कारणों से याचिका नहीं लगा पाए। इसके चलते अब वह 11 मार्च से शुरू हो रही मुख्य परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे, क्योंकि कोर्ट ने कहा है कि यह कोई जनहित याचिका नहीं है, जिन अभ्यर्थियों ने प्रश्नों को लेकर तय समय में याचिका लगाई है, उन्हीं को सशर्त मंजूरी दी गई है।
हाई कोर्ट प्रीलीम्स के सवालों को लेकर अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी। इसमें जिन प्रश्नों पर आपत्ति है, उन्हें लेकर कमेटी की रिपोर्ट देखी जाएगी कि क्या जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने मामले को याचिकाकर्ताओं और आपत्ति लेने वाले अभ्यर्थियों तक सीमित कर दिया है।