कलेक्टर ने बताया कि एमपी ट्रेजरी कोड 2020 में प्रावधान है कि महीने की 5 तारीख से अधिक कर्मचारियों के वेतन वितरण में देरी के लिए संबंधित ट्रेजरी का आहरण एवं संवितरण अधिकारी जिम्मेदार होगा। लेकिन निर्देशों का उल्लंघन करते हुए वेतन बिल कोषागार में समय पर प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों को वेतन वितरण में अनावश्यक विलंब हो रहा है।
ये भी पढ़ें: IPS Manoj Sharma: मुंबई से मैच देखने पहुंचे ’12वीं फेल’ IPS मनोज शर्मा, जमकर की चंबल की तारीफ…. इसके अलावा, अधिकांश कार्यालय वेतन वितरण के लिए देरी से भुगतान प्राप्त करते हैं, लेकिन देरी के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है और न ही सक्षम प्राधिकारी द्वारा इसके लिए मंजूरी प्रस्तुत की जाती है। इससे अनियमित भुगतान, वित्तीय अनियमितताएं और धन का गबन हो सकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी वेतन बिल माह के अंतिम कार्य दिवस से पूर्व कोषागार में ऑनलाइन प्रस्तुत किये जाए।