मध्यप्रदेश और राजस्थान की नदियों को जोड़ने की यह परियोजना कुल 72 हजार करोड़ की है। इससे दोनों राज्यों में पानी की समस्या खत्म हो जाएगी। योजना में 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी।
यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana : एमपी में लाड़ली बहनों को कब मिलेंगे 3 हजार रुपए, सामने आया बड़ा अपडेट परियोजना से मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल इलाके के कुल 13 जिले लाभान्वित होंगे। इसी तरह राजस्थान के भी 13 जिलों में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
इस मौके पर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह बहुत बड़ी योजना है। मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों प्रदेशों में सिचांई के लिए यह लाभदायक साबित होगी। एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पार्वती काली सिंध चम्बल परियोजना 20 साल से अटकी थी पर हमने छोटे छोटे विवादों से परे राज्यों के हित में फैसला लिया। श्योपुर, मुरैना ,ग्वालियर, गुना, चम्बल के लोग पानी की दिक्कत से जूझते हैं, लेकिन इस परियोजना से प्रदेश के 13 जिले पानी की परेशानी से मुक्त हो जाएंगे।
पार्वती कालीसिंध चंबल प्रोजेक्ट 72 हजार करोड़ का
यह परियोजना कुल 72 हजार करोड़ रुपए की है। एमपी सरकार 35 हजार करोड़ और राजस्थान सरकार 37 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। परियोजना से कुल 6.17 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। एमपी की 3.37 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी जिससे 30 लाख किसानों को फायदा होगा।